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'प्रश्नफल गणना' में 'प्रश्न' के अनेक तरह के फलादेश के लिये षट् प्रकार से वर्णन है और परिशिष्ट में श्री महादेव-देवी का संवाद वर्णन है । जो मुष्टिकादि प्रश्न- ज्ञान के लिये अद्भुत है । इसमें सर्वसाधारण मनुष्यमात्र के लिये सरल, सुबोध भाषा टीका में ज्योतिष शास्त्र के तीन स्कन्धों का तत्त्वभूत है ।
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महर्षि प्रणीत नाना प्रश्न ग्रन्थों का सार रूप 'प्रश्नफल गणना' नाम ग्रन्थ प्रकाशित किया गया है । आशा है समस्त सज्जन इससे लाभ उठायेंगे और इसमें जहाँ-कहीं त्रुटि, अशुद्धि हो उसको सुधार कर क्षमा करेंगे ।
मकर संक्रान्ति वि० सं० २०१९
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निवेदकदयाशकंर उपाध्याय
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