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आगमसूत्र - हिन्दी अनुवाद
जो साधु मरण के वक्त मोह नहीं रखता, उसे आराधक कहा है ।
[१७४ - १७५] हे मुमुक्षु आत्मा ! विनय, आचार्य के गुण, शिष्य के गुण, विनयनिग्रह के गुण, ज्ञानगुण, चरणगुण और मरणगुण की विधि को सुनकर तुम इस तरह व्यवहार करो कि जिससे गर्भवास, मरण, पुनर्भव, जन्म और दुर्गति के पतन से सर्वथा मुक्त हो शको ।
३०/२ | चन्द्रवेध्यक- प्रकिर्णक- ७/२ हिन्दी अनुवाद पूर्ण