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आगमसूत्र-हिन्दी अनुवाद
अथवा अनेकदेश शीत, एकदेश उष्ण, एकदश स्निग्ध और अनेकदेश रूक्ष । अथवा अनेकदेश शीत, एकदेश उष्ण, अनेकदेश स्निग्ध और एकदेश रूक्ष होता है । इस प्रकार त्रिप्रदेशिक स्कन्ध में स्पर्श के कुल पच्चीस भंग होते हैं । भगवन् ! चतुःप्रदेशी स्कन्ध कितने वर्ण वाला होता है ? इत्यादि प्रश्न । गौतम ! अठारहवें शतक के छठे उद्देशकवत् कहना चाहिए । यदि वह एक वर्ण वाला होता है तो कदाचित् काला, यावत् श्वेत होता है । जब दो वर्ण वाला होता है, तो कदाचित् उसका एक अंश काला और एक अंश नीला होता है, कदाचित् एकदेश काला और अनेकदेश नीले होते हैं, कदाचित् अनेकदेश काले और एकदेश नीला होता है, कदाचित् अनेकदेश काले और अनेकदेश नीले होते हैं । अथवा कदाचित् एकदेश काला और देशलाल होता है; यहाँ भी पूर्ववत् चार भंग । अथवा कदाचित् एकदेश काला और एकदेश पीला; इत्यादि पूर्ववत् चार भंग । इसी तरह अथवा कदाचित् एक अंश काला और एक अंश श्वेत, इत्यादि पूर्ववत् चार भंग । अथवा कदाचित् एक अंश नीला और एक अंश लाल आदि पूर्ववत् चार भंग । कदाचित् नीला और पीला के पूर्ववत् चार भंग । कदाचित् नीला और श्वेत के पूर्ववत् चार भंग | फिर कदाचित् लाल और पीला के पूर्ववत् चार भंग । कदाचित् लाल
और श्वेत के पूर्ववत् चार भंग । इसी प्रकार अथवा कदाचित् पीला और श्वेत के भी चार भंग कहना । यों इन दस द्विकसंयोग के ४० भंग होते हैं ।
यदि वह तीन वर्ण वाला होता है तो कदाचित् काला, नीला और लाल होता है, अथवा कदाचित् एक अंश काला, एक अंश नीला और अनेक अंश लाल होते हैं, अथवा कदाचित् एकदेश काला, अनेकदेश नीला और एकदेश लाल होता है । अथवा कदाचित् अनेकदेश काले, एकदेश नीला और एकदेश लाल होता है । इस प्रकार प्रथम त्रिकसंयोग के चार भंग होते हैं । इसी प्रकार द्वितीय त्रिकसंयोग-काला, नीला और पीला वर्ण के चार भंग, तृतीय त्रिकसंयोग-काला, नीला और श्वेत वर्ण के चार भंग, काला, लाल और पीला वर्ण के चार भंग, काला, लाल और श्वेत वर्ण के चार भंग, अथवा काला, पीला और श्वेत वर्ण के चार भंग, अथवा नीला, लाल और पीला वर्ण के चार भंग, या नीला, लाल और श्वेत वर्ण के चार भंग; अथवा नीला, पीला और श्वेत वर्ण के चार भंग होते हैं । इस प्रकार १० त्रिकसंयोगों के प्रत्येक के चार-चार भंग होने से सब मिला कर ४० भंग हुए ।
यदि वह चार वर्ण वाला है तो कदाचित् काला, नीला, लाल और पीला होता है, कदाचित् काला, लाल, नीला और श्वेत होता है, कदाचित् काला, नीला, पीला और श्वेत होता है, अथवा कदाचित् काला, लाल, पीला और श्वेत होता है, अथवा कदाचित् नीला, लाल, पीला और श्वेत होता है । इस प्रकार चतुःसंयोगी के कुल पांच भंग होते हैं । इस प्रकार चतुःप्रदेशी स्कन्ध के एक वर्ण के असंयोगी ५, दो वर्ण के द्विकसंयोगी ४०, तीन वर्ण के त्रिकसंयोगी ४० और चार वर्ण के चतुःसंयोगी ५ भंग हुए । कुल वर्णसम्बन्धी ९० भंग हुए । यदि वह चतुःप्रदेशी स्कन्ध एक गन्धवाला होता है तो कदाचित् सुरभिगन्ध और कदाचित् दुरभिगन्ध वाला होता है । यदि वह दो गन्ध वाला होता है तो कदाचित् सुरभिगन्ध
और दुरभिगन्ध वाला होता है, इसके चार भंग होते हैं । गन्ध-सम्बन्धी कुल ६ भंग होते हैं । वर्ण सम्बन्धी भंग के समान रस-सम्बन्धी (९० भंग कहना)
यदि वह (चतुःप्रदेशी स्कन्ध) दो स्पर्श वाला होता है, तो उसके परमाणुपुद्गल के