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॥२१३0-213
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गाहा - २४३ (२५२) खेल्लगमल्लगलेच्छारियाणि डिमग निमच्छरुंटणया
हंदि समणत्ति पायस घयगुलजुय जावणवाए (२३३) एगंतमवक्कमणं जइ साहू इन हो तिनो मि
तणुकोट्ठमि अमुच्छा मुत्तमिय केवलं नाणं (२३) चंदोदयं च सूरोदयं चरम्रोउ दोनि उजाणा
तेसि विवरियगमणे आणाकोवो तओदंडो (२३५) सूरोदयं गच्छमहं पमाए चंदोदयं जंतु तणाइहारा
दुहा खी पधुरसंतिकाउंरायाविघंदोदयमेव गच्छे (२५६) पत्तलदुमसालगया दच्छामु निवंगणत्ति दुभित्ता
उजाणपालएहिं गहिया य हया य बद्धाय (२३७) सहस पइटा दि इयरेहि नियंगणत्ति तो बद्धा
नितस्स यअवरण्हे दंसणमुमओ वहयिसग्गा (२३८) जह ते दसणकंखी अपूरिइच्छा विणासिया रण्णा
दिट्ठऽवियरे मुक्का एमेव इहंसमोयारो (२१९) आहाकम्म मुंजइन पडिक्कमए यतस्स ठाणस्स
एमेव अडइ बोडो लुकविलुकोजह कवोडो (२४०) आहाकम्मदारं भणियमियाणि पुरा समुटिं
उद्देसिपंति योच्छं समासओ तंदुहा होइ (३४१) ओहेण विमागेण य ओहे ठप्पंतुबारस विमागे
उद्दिष्ट कडे कसेएक्कैक्कि धउक्कओ भेओ (२४३) जीवामु कहवि ओमे निययं भिक्खावि कइवई देमो
इंदिनत्यि अदिन्नं मुअइ अकयं नय फलेइ (२४३) सा उ अविसेसियं चिय मियंमि पत्तमि तंदुचाउ ले छुइइ
पासंडीण गिहीण वजो एहिइतस्स भिक्खड्डा (२४) छउपत्योधुद्देसं कहं वियापाइचोइए मण
उपउत्तो गुरु एवं गिहत्यसदाइचिट्ठाए (२४५) दिना उ ताउ पंचवि रेहाउ करेइ देइघ गणंति
देह इओमा यइओ अवणेह य एत्तिया मिक्खा (२rt) सहाइएसुसाहू मुच्छंन करेज गोयरगओय
एसणजुत्तो होला गोणीवच्छो गवत्तिब्व (२०) ऊसवमंडणवमान पाणियं वच्छए नविय पारि
वणियागम अवरहे वच्छगरखणं खरंटणया (२४८) पंचविहविसयसोक्खक्खणी बहू समहियं गिहंतंतु
न गणेइ गोणिवच्छो मुकिय गदिओ गवत्तमि (२४१) गमणागमणुक्खेवे भासिय सोयाइइंदियाउत्तो
एसणमणेसणं वा तहजाणइ तप्पणो समणो
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