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॥१९३||-193
विनिमुक्ति - (२१) (२१४) मझारखइयमंसा मंसासित्थि कुणिमं सुणयवंतं वन्नाइ अत्रमुप्पाइयंति कितं भवे मोजें
१९२||-192 (२१५) केई मणंति पहिए अट्ठाणे मंसपेसियोसिरणं
संभारिय परिवेस वट्टन वारेइ सुओकरे घेत्तुं (२४) अविकालकरहीखीरं लहसुण पलंडू सुरा य गोमंसं येयसमएविअभयं किंचि अमोजं अपेझंच
॥१९४||-104 (२१७) यन्नाइजुयावि बली सपललफलसेहरा असुइनत्या
असुइस्सविप्पुसेणविजहछिककाओअभोलाहुंतिमिक्खाओ।१९५11-198 (२१८) एमेव उज्झियंमिविआहाकम्ममि अकयए कप्पे होइ अमोजं भाणे जत्य व सुद्धपितंपडियं
।।१९६।-198 (२११) वंतुचारसरिच्छं कम्मं सोउमविकोविओभीओ
परिहाइ साविय दुहा विहिअविहीए यपरिहरणा ॥१९७||-197 (२२०) सालीओअणहत्यं दटुं भणइ अविकोविओ देति कत्तोचउत्तिसाली वणि जाणइ पुच्छतं गंतुं
॥१९८11-198 (२२१) गंतूण आवणं सोवाणियगंपुच्छए कओ साली पञ्चंते मगहाए गोबरगामो तहिं वयइ
।।१९९॥-190 (२२२) कम्मासंकाएँ पहंमोत्तुं कंटाहिसावया अदिसि
छायंपि विवलंतोडझाउण्हेण मुच्छाई (२२३) इय अविहीपरिहारी नाणाईणं न होइआभागी
दबकुलदेसभावे विहिपरिहरणाइमा तत्य (२२४) ओयणसमिइमसत्तुगकुम्मासाई उहोति दब्वाई बहुजणमपजणं वाकुलं तु देसो सुरवाई
॥२०२।।-202 (२२५) आयरऽणायर मावे सयं च अनेण वाऽविदावणया एएसि तु पयाणं यउपय तिपया व भयणाउ
२०३1-203 (२२६) अनुचियदेसंदसव्वं कुलमप्पं आयरो य तो पुच्छा बहुएविनत्यि पुच्छा सदेसदविए अभावेऽवि
२०४|| -204 (२२७) तुझाए कयमिणमत्रोत्रमवेक्खए यसविलक्खं वजंति गाढरुट्ठा का भे तत्तित्ति वा गिण्हे
॥२०५||-206 (२२८) गूढायारान करेति आयरं पुछियाविन कति थोवंति व नो पुट्ठातं च असुद्धं कहं तत्य
||२०६11-208 (२२९) आहाकम्पपरिणओफासुयमोईवि बंधओ होइ सुद्धं गवेसमाणो आहाकम्मेवि सो सुद्धो
॥२०७||-207 (२३०) संघुद्दिलं सोउं एइ दुयं कोइ मोइए पत्तो दिन्नति देहि मज्झंतिगाउ सोउं तओ लग्गो
॥२०८11-208 (२३) मासियपारणगढ़ा गमणं आसनगामगं खपगे
सड्डी पायसकरणं कयाइ अजिही खमओ ।।२०९||-200
||२००11-200
|२०१||-201
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