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महा-२२२२
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(२२२२) कव्हा कालियसुत्ते न नयावि समोयरंति उ
नयविगल होति साहण मोक्खस्स उ मण्णति सुणाहि (२२२३) नयवजिओषि हु अलं दुक्खक्ख़यकारओ जइजणस्स चरणकरणाणुओगो तेण उ पढमं कयं दारं (२२२४) आयारपकप्पधरो कप्पव्यवहारधारओ अजो यत्तवजिओऽ विहु गणपरियट्टी अनुष्णाओ (२२२५) पच्छित्तकरण अनुपालणा य भणिया उ कप्पवयहारे एए अत्यधारी गणधारी जो चरणधारी
( २२२६) अखोत्ती आमंतण निद्देस या नयस्स सुत्ताई जाई तु दिट्टियाते पच्छितं दिजए तए उ (२२२७) तेहिं विणावि जाणइ आयारपकप्पधारओ जम्हा तम्हा उ अणुन्नाओ गणपरियट्टी उ सो नियमा ( २२२८) करणाणुपालगाणं तु पञ्चयकसिणं समासओ नाणं करणाणुपालणदुतं पञ्जयकसिणं भये तिविहं (२२२९) दुतिपणछकूककणयंतरेसु सोलस हवंति ठाणाई
करणवाण पसत्या करणट्ठाणा उ अपसत्या (२२१०) एयाई ठाणाई दोर्हिवि गाहाहिं जाई भणियाई तेसिं परूवणमिणमो समासओ होइ बोद्धव्वं ( २२३१ ) करणं तु किया होई पडिलेहणमादि सामयारी उ तं पालिइ नाणेण तं च दुविहं मुणेयब्वं (२२३२) पञ्जवकसिणसमासो पञ्जवकसिणं तु चोद्दस उ पुव्वा सामाइयं पकप्पो होइ समासो मुणेयव्वी
(२२३३) पञ्जयकसिणं तिविहं सुत्ते अत्थे व तदुभए चैव एमेय समासोऽवि हु तेहिंउ पालिजए चरणं (२२३४) तस्स नएहिं मग्गण ते उ समासेण होति दुविहा उ दव्यट्टिपेजवति नया तु अविसेसित विसिद्धा (२२३५) वण्णादिसमुदियं तू दव्यट्ठी दव्वमिच्छए नियमा तं चैव पावणओ दव्वाइवि सेसियं इच्छे (२२३५) अहवादि तित्रिवि नया दव्वति पञ्चवट्ठित गुणट्ठी पज्जायविसेसच्चिय सुहुमतरागा गुणा होति
(२२३७) एगगुणकालगादिसु परिसंख गुणडिओ उ नायव्वो दव्वाओ गुणाऽणपणे गुणा विसेसत्ति एगडा
( २२३८) आदिल्ला तिण्णि नया एक्को बितिओ य होइ उज्जुसुओ सद्दादि तिण्णि वेक्को तिष्णि नया होति एवं वा (२२३९) अहवार्थि निगमसंगहववाहा रुज्जुसुऍ होति चउरेते सद्दनय तिण्णि एक्को पंच नया होति एवं तु
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