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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पाहावागरणं - 9/9/७ समारंमंति-अत्ताणे असरणे अनाहे अबंधवे कम्पनिगल बद्दे अकुसलपरिणाम-मदंबुद्धिजण-दुविजाणाए पुढविमए पुढविसंसिएजलभए जलगए अणलाणिल-तणवणस्सतिगणनिस्सिए यतमयतजिए चेव तदाहारे तप्परिणत-वण्ण-गंध-रस-फास-बौदिरूवे अबक्खुसे चक्खुसे य तसकाइए असंखे पावरकाए य सुहुम बायर-पत्तेयसरीर-नाम-साधारणे अणंते हणंति अविजाणओ य परिजाणओ य जीवे इमेहिं विविहेहिं कारणेहिं किं ते-करिसण-पोस्खाणी-वावि वप्पिण-कूव-सरतलाग-चिति-वेदि-खातिय-आराप-विहार-यूप-पागार-दार-गोउर-अष्टालग-चरिय-सेतु-संकमपासायविकप - मवण - घर-सरण लेण-आवण-चेतिय-देवकुल-चित्तसभ-पव-आपत्तण-आवसह-भूमिघर-मंडवाणयकए भायण-भंडोवगरणस्स विविहस्सय अट्ठाए पुढवि हिंसंति मंदबुद्धिया जलंज मजयण-पाण-मोरण-वस्थधोवण-सोयमादिएहिं पयण - पयावण -जलावण-विदसणेहि अगणि सुप्प-वियण-तालयंट-पेहुण-मुह-करयल-सागपत्त वत्थमादिएहिं अनिलं अगार -परियारभख-भोयण-सयण-आसण-फलग-मुसल-उक्खल-तत-वितत-आतोन-बहण-वाहण-मंडबविविहभवण-तोरण-विडंग-देवकुल-जालय-अद्ध-चंद-निजूह-चंदसालिय-वेतिय-निस्सेमि-दोणि - चंगेरि-खील - मेढक - सम - प्पवआवसह गंध-मल्ल-अनुलेवण-अंवर-जुय-नंगल-मइय-कुलियसंदण - सीया - रह -सगड -जाण-जोग-अट्टालग-चरिएअ-दार-गोपुर-फलिह-जंत-सूलिय-लउइमु-सुढि-सतग्घि-बहुपहरण-आवरण-उधखराण कते अण्हेहि य एवमाहिएहि बहूहिं कारणसतेहिं हिंसति ते तरुगणे मणियाभणिए य एवमादी सत्ते सत्तपरिवजिया उवणंति दढमूढा दारुणपती कोहा माणा माया लोमा हस्सरती अरती सोय वेदत्य-जीव-धम्म-अस्थ-कामहे सवसा अवसा अट्टा अणट्ठाए य तसपाणे धावरे य हिंसंति मंदबुद्धी सबसा हणति अवसा हणंति सवसा अवसा दुहओ हणंति अट्ठा हणंति अणट्ठा हणंति अट्ठा अणट्ठा दुहओ हणंति हस्सा हणंति वेराहणंति रतीए हणंति हस्सा वेरा रतीए हणंति कुद्धा हणंति लुद्धा हणंति मुद्धाहणंति कुद्धालुद्धामुद्धा हणंति अत्या हणंति धम्मा हणंतिकामा हणंति अत्था धम्माकामा हणंति।३।७ (८) कयरे जे ते सोयरिया मच्छबंधा साउणिया वाहा कूरकम्मा दीवितबंधप्पओग-तप्पगल-जाल-वीरल्लग-आयसीदभवागुरा-कूडछेलिहत्या हरिएसा ऊणिया य वीदंसग-पासहत्था वणचरगा लुद्धगा य मघात-पोतघाया एणीयारा पएणीयारा सर-दह-दीहिअन्तलाग-पल्ललपरिगालण मलण-सोत्तबंधण-सलिलासयसोसगा बिस-गरलस्स य दायगा उत्तण-वल्लर-दवणिणिद्दय-पलीयका कूरकम्पकारी इमे य बहवे मिलक्खुया के ते-सक जवण सवर बब्बर काय मुरुंड अभडग निष्णग पक्काणिय कुलक्ख गोड़ सीहल पारस कोंच अंध दबिल पूलिंद आरोस डोंव पोकण गंधहारग बहलीय जल्ल रोम मास बउस मलया य चुचुया य चूलिय कोंकणगा मेद पल्हव मालव मग्गर आभासिया अणकचीण ल्हासिय खस खासिय नेद्दर मरहट्ठ मुट्टियआरब डोविलग कुहण केकय हूण रोमग सरू मरुगा चिलायविसयवासी य पावमतिणो जलयर-थलयर-सणहपरउरगखहचर-संडासतोंड-जीवोवघायजीवी सण्णी य असणिणो य पजत्ता असुभलेस्सपरिणामा एते अण्णे य एवमादी करेंति पाणातिवाय करणं पावा पायाभिगमा पावरूई पाणवहकयरती पाणवहरूवाणुट्ठाणा पाणवहकहासु अधिरमंता तुट्ठा पावं करेत्तु होति य बहुप्पगारं तस्स य पायस्स फलविवागं अयाणमाणा वड्डेति-महअयं अविस्साप-वेयणं दीहकालदहुदुक्खसंकडं नरयतिरिक्त-जोणि इओ आउखए चुया असुभकामबहुला उववनंति नरएसु हुलितं महालएसु For Private And Personal Use Only
SR No.009736
Book TitleAgam 10 Panhavagaranam Angsutt 10 Moolam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherAgam Shrut Prakashan
Publication Year1996
Total Pages42
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Agam 10, & agam_prashnavyakaran
File Size1 MB
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