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सुयांघो १, अापणं १
(3)
पंचविहो पत्रत्तो जिणेहिं इह अण्हओ अप्णादीओ हिंसा - मोसमदत्तं अब्वंभ- परिग्गहं चेय जारिसओ जनामा जह य कओ जारिसं फलं देति जेवि य करेति पाया पाणवहं तं निसामेह
(४)
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(५) पाणवहो नाम एस निच्चं जिणेहिं भणिओ-पावो चंडो रुद्दो खुद्दो साहसिओ अणारिओ निग्विणो निस्संसो महमओ पइमओ अतिभओ बीहणओ तासणओ अणजो उव्वेयणओ य निरवयक्खो निद्धम्पो निष्पिवासी निक्कलुणो नित्य- वास-गमण-निधणो मोह-महदमय-पवडूढओ मरण वेपणंसो पढमं अधम्मदारं 191-1
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(६) तस्स य नामाणि इमाणि गोण्णाणि होति तीसं तं जहा - पाणवहुम्मूलना सरीराओ अवसंभो हिंसविहिंसा तहा अकिच्चं च घायणा मारणा य वहणा उद्दवणा तिवायणा य आरंभसमारंभो आउयकम्मस्स उवद्दवो भेय-निदुवण- गालणा य संवट्टग-संखेवो मच्चू असंजमो कडगमद्दणं वीरमणं परभव-संकामकारओ दुग्गतिप्पवाओ पावकोवो य पावलोमो छविच्छेओ जीवियंतकरणो भयंकरो अणकरो वज्रो परितावण- अण्डओ विणासो निज्जवणा लुंपणा गुणाणं विराहणत्ति अविय तस्स एवमादीणि नामधेज्जाणि होति तीसं पाणवहस्स कलुसस्स कडुयफल- देसगाई | २ -2
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(७) तं च पुण करेंति केई पावा असंजया अविरया अणिहुय परिणाम- दुप्पयोगी पाणवहं भयंकरं बहुविहं परदुक्खुष्यायणप्पसत्ता इमेहिं तसथावरेहिं जीवेहिं पडिणिविड्डा कि ते पाढीणतिमि - तिमिंगिल - अणेगझस - विविहजातिमंदुक्क दुविरुकच्छम नक्कमगर दुविहगाह-दिलिवेदय- पंदुय सीमागार - पुलुय- सुंसुमार- बहुप्पगारा जलयरविहाणाकते य एवमादी कुरंग- रूरू-सरभचमर-संबर- हुरम्भ - ससय- पसय गोण- रोहिय- हय-गय-खर- करभ खग्ग यान- गवय-विगसियाल - कोल- मजार- कोलसुणक- सिरियंदलय - आवत्त- कोकंतिय- गोकण-मिय-महिस- वियन्धछगल-दीविय-साण-तरच्छ-अच्छ-भल्ल-सद्दुल-सीह चिला चउप्पयविहाणाकए य एवमादी अयगर-गोणस - वराह-मउलि- का ओदर दम्भपुप्फ-आसालिय-महोरगा उरगविहाणाकए य एवमादी छीरल - सांब - सेह - सल्लग - गोधा -उंदुर-नउल सरड-जाहग-मुगुंस-खाडहिल याउप्पइय- घरोलिया सिरीसिवग्णे य एवमादी कादंबक-बक- बलाका-सारस- आडासेतीय- कुलल-बंजुल पारिप्पव-कीबसउण - दीविय - हंस यत्तरट्ठ-भास- कुलीकोस- कोंच-दगतुंड - देणियालगसूईमुह-कविल-पिंगलक्खग - कारंडग-चक्कवाग उक्कोस - गरुल - पिंगुल - सुय बरहिण - मयण- साल - नंदीमुह-नंदमाणगको रंग भिंगारग-कोणालग जीवजीवक- तित्तिर- वट्ट्क-लावक-कंपिजलक-कवीतग-पारेवग- चिडिग- टिंक - कुक्कुड - बेसर- मयूरग- चउरग हरपोंडरीय-सालग-वीरल्ल-सेण-वायस-विहंगभेणासि चास-वगुलि-चम्पट्ठिल- विततपक्खी खयरविहाणकते य एवमादी जल-थल -खगचारिणो उ पंचिंदिए पसुगणे बिय-तिय- चउरिदिए य विविहे जीये पियजीविए मरणदुक्खपडिकूले वराए हणंति बहुसंकिलिट्ठकम्मा इमेहिं विविहेहिं कारणेहिं किं ते चम्प- वसा-मंस- मेय-सोणिय-जगफिफिस-मत्युलिंग-हियय-अंत- पित्त- पोप्फस-दंतड्डा अड्डि- मिंज नह-नयण - कण्ण-हारूणि नक्कधमणि-सिंग- दाढि पिच्छा-विस-बिसाण- बालहेउं हिंसंति य भमर-मधुकरिगणे रसेसु गिद्धा तहेव तेईदिए सरीरोवकरणड्डयाए किवणे बेइंदिए बहवे वत्थोहरपिमंडप्पट्ठा अण्णेहि य एवमाइएहिं बहूहिं कारणसतेहि अबुहा इह हिंसंति तसे पाणे इमे य एगिंदिए वराए तसे य अण्णे तदस्सिए चेव तणुसरीरे
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