________________ // 7 श्री श्रावकाचार जी भजन दे दी हमें मुक्ति ये बिना पूजा बिना पाठ / तारण तरण ओ संत तेरी अजब ही है बात / / वन्दे श्री गुरू तारणम्॥ जड़वाद क्रियाकांड को मिथ्यात्व बताया / आतम की दिव्य ज्योति को तुमने लखाया // बन गये अनुयायी तेरे, सभी सात जात...तारण... भक्ति से नहीं मुक्ति है पढ़ने से नहीं ज्ञान / क्रिया से नहीं धर्म है ध्याने से नहीं ध्यान // निज की ही अनुभूति करो, छोड़ कर मिथ्यात्व...तारण... आतम ही है परमात्मा शुद्धात्मा ज्ञानी / तुमने कहा और साख दी जिनवर की वाणी // तोड़ीं सभी कुरीतियां, तब मच गया उत्पात...तारण... बाह्य क्रिया काण्ड से नहीं मुक्ति मिलेगी / देखोगे जब स्वयं को तब गांठ खुलेगी // छोड़ो सभी दुराग्रह, तोड़ो यह जाति पांति...तारण... ब्रह्मा व विष्णु शिव हरि, कृष्ण और राम / ओंकार बुद्ध और जिन, शुद्धात्मा के नाम // भूले हो कहां मानव, क्यों करते आत्मघात...तारण... अपना ही करो ध्यान तब भगवान बनोगे / ध्याओगे शुद्धात्मा, तब कर्म हनोगे // मुक्ति का यही मार्ग, तारण पंथ है यह तात...तारण... ज्ञानदान स्वाध्याय हेतु उपलब्ध सत्साहित्य श्री श्रावकाचार टीका - 60 रुपया 0 श्री मालारोहण टीका (तृतीय संस्करण)- 30 रुपया // श्री पंडितपूजा टीका 20 रुपया 0 श्री कमलबत्तीसी टीका 25 रुपया 0 श्री त्रिभंगीसार टीका 30 रुपया / अध्यात्म अमृत (जयमाल, भजन) - १५रुपया 0 अध्यात्म किरण 15 रुपया (जैनागम 1008 प्रश्नोत्तर) // अध्यात्म भावना 10 रुपया / अध्यात्म आराधना (देव गुरु शास्त्र पूजा) 10 रुपया - ज्ञान दीपिका भाग-१, 2, 3 (प्रत्येक)- 5 रुपया प्राप्ति स्थल१. ब्रह्मानन्द आश्रम, संत तारण तरण मार्ग, पिपरिया, जिला- होशंगाबाद (म. प्र.) 461775 2. श्री तारण तरण अध्यात्म प्रचार योजना केन्द्र, 6.1 मंगलबारा, भोपाल (म. प्र.) 462001 संपर्क सूत्र- फोन- पिपरिया (07576) 22530 भोपाल- (0755) 705801, 741586 4. कर्मजन्य रागादि भावों से आत्मा की भिन्नता को जानकर, आत्मा के यथार्थ स्वरूप का श्रद्धान और ज्ञान तथा राग और द्वेष की निवृत्ति रूप साम्य भाव को धारण करना, यही सम्यक्चारित्र है। मोह और क्षोभ से रहित परिणाम ही साम्य भाव है, निश्चय से यही चारित्र धर्म है। * इति * 5