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________________ 147 जाप आवर्त (हाथ से जाप करने की विधि) मंत्र जप के सतत् अभ्यास से जीवन मधुरता से भर जाता है। मंत्र जप और ध्यान आत्म साक्षात्कार करने का उपाय है। अस्त व्यस्त मन को एकाग्र करने के लिये मंत्र जप उत्कृष्ट साधन हाथ से जाप करने की विधि क्या है ? इसके लिये यहाँ आवर्त दिये गये हैं। हाथ की अंगुलियों के पोर पवर लिखे हुए नंबरों के अनुसार क्रम से प्रत्येक अंक पर अंगुली रखें और पूरा मंत्र स्मरण करें, इस विधि में विभिन्न आवर्त होते हैं, जिनका उपयोग मंत्र जप में करें। इस विधि से चंचल मन स्थिर होता है। سه (به (ام Docism) (9((50 (GO आवर्त शंखावर्त नंदावर्त ऊँ वर्त ( ( (M 98 ( F ( alul ( Mr हृीं वर्त नव पद वर्त सिद्धात्मा सिद्ध शिला
SR No.009719
Book TitleMandir Vidhi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBasant Bramhachari
PublisherAkhil Bharatiya Taran Taran Jain Samaj
Publication Year
Total Pages147
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Ritual, & Vidhi
File Size1 MB
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