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________________ १५९ प्रश्न ०६२- प्रत्येक जीव कितना बड़ा है? उत्तर - प्रत्येक जीव, प्रदेशों की संख्या अपेक्षा लोकाकाश के बराबर है, परन्तु संकोच-विस्तार के कारण वह अपने शरीर के प्रमाण है और मुक्तजीव अन्तिम शरीर प्रमाण है। प्रश्न ०६३ - लोकाकाश के बराबर कौन सा जीव है ? उत्तर - मोक्ष जाने से पहले केवली समुद्घात करने वाला जीव लोकाकाश के बराबर होता है। प्रश्न ०६४- समुद्घात किसे कहते हैं? उत्तर - मूल शरीर को छोड़े बिना जीव के प्रदेशों का शरीर से बाहर निकलना समुद्घात है। १.७ अस्तिकाय प्रश्न ०६५- अस्तिकाय किसे कहते हैं? उत्तर - बहुप्रदेशी द्रव्य को अस्तिकाय कहते हैं। प्रश्न ०६६- अस्तिकाय के कितने भेद हैं ? उत्तर - अस्तिकाय के पाँच भेद हैं -जीव, पुद्गल,धर्म, अधर्म और आकाश। इन पाँचों द्रव्यों को पंचास्तिकाय कहते हैं। कालद्रव्य बहुप्रदेशी नहीं हैं इसलिए वह अस्तिकाय नहीं है। प्रश्न ०६७- पुद्गल परमाणु भी एक प्रदेशी है तो वह अस्तिकाय कैसे हुआ? उत्तर पुद्गल परमाणु एक प्रदेशी होने पर भी शक्ति की अपेक्षा से अस्तिकाय है अर्थात् वह स्कन्धरूप होकर बहुप्रदेशी हो जाता है इसलिए उपचार से उसे भी अस्तिकाय कहा है। १.८ अनुजीवी और प्रतिजीवी गुण प्रश्न ०६८ - अनुजीवी गुण किसे कहते हैं ? उत्तर - वस्तु के भावस्वरूप गुणों को अनुजीवी गुण कहते हैं। जैसे- सम्यक्त्व, चारित्र, सुख, चेतना, स्पर्श, रस, गंध, वर्ण आदि। प्रश्न ०६९- प्रतिजीवी गुण किसे कहते हैं? उत्तर - वस्तु के अभावस्वरूप धर्म को प्रतिजीवी गुण कहते हैं। जैसे - नास्तित्व, अमूर्तत्व, अचेतनत्व आदि। १.८.१ चार अभाव प्रश्न ०७०- अभाव किसे कहते हैं? उत्तर - एक पदार्थ की दूसरे पदार्थ में नास्ति (अविद्यमानता) को अभाव कहते हैं। प्रश्न ०७१- अभाव के कितने भेद हैं? उत्तर - अभाव के चार भेद हैं - प्रागभाव, प्रध्वंसाभाव, अन्योन्याभाव और अत्यंताभाव । प्रश्न ०७२- प्रागभाव किसे कहते हैं? उत्तर - वर्तमान पर्याय का पूर्व पर्याय में अभाव प्रागभाव है। प्रश्न ०७३- प्रध्वंसाभाव किसे कहते हैं? - वर्तमान पर्याय का आगामी पर्याय में अभाव प्रध्वंसाभाव है।
SR No.009716
Book TitleGyanpushpa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaran Taran Gyan Samsthan Chindwada
PublisherTaran Taran Gyan Samsthan Chindwada
Publication Year
Total Pages211
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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