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प्रश्न ००९- द्रव्यत्वगुण किसे कहते हैं ? उत्तर - जिस शक्ति के कारण द्रव्य सर्वदा एक-सा नहीं रहता और जिसकी पर्यायें (दशाएँ)
हमेशा बदलती रहती हैं उसे द्रव्यत्वगुण कहते हैं। प्रश्न ०१०- प्रमेयत्वगुण किसे कहते हैं? उत्तर
- जिस शक्ति के कारण द्रव्य किसी न किसी के ज्ञान का विषय होता है उसे प्रमेयत्वगुण
कहते हैं। प्रश्न ०११- अगुरुलघुत्वगुण किसे कहते हैं? उत्तर जिस शक्ति के कारण द्रव्य में द्रव्यपना कायम रहता है अर्थात् एक द्रव्य दूसरे द्रव्यरूप
नहीं परिणमता और एक गुण दूसरे गुणरूप नहीं परिणमता और द्रव्य में रहने वाले अनन्त
गुण बिखर कर अलग-अलग नहीं होते हैं उसे अगुरुलघुत्वगुण कहते हैं। प्रश्न ०१२ - प्रदेशत्वगुण किसे कहते हैं ? उत्तर - जिस शक्ति के कारण द्रव्य का कोई न कोई आकार अवश्य होता है उसे प्रदेशत्वगुण
कहते हैं।
१.२ द्रव्यों के भेद एवं स्वरूप प्रश्न ०१३ - द्रव्यों के कितने भेद हैं? उत्तर - द्रव्यों के छह भेद हैं - जीव , पुद्गल, धर्म , अधर्म, आकाश और कालद्रव्य ।
जीव
पुगाल
धर्म
अधर्म आकाश
बहिरात्मा अंतरात्मा परमात्मा परमामु
स्कन्ध लोकाकाक्ष अलोकाकाक्ष निश्चयकाल
आहारवर्गणा तैजसवर्मणा भाषावर्गणा मनोमर्मणा कार्माणवणा प्रश्न ०१४ - जीवद्रव्य किसे कहते हैं ? उत्तर - जिसमें चेतना आदि गुण पाये जाते हैं उसे जीवद्रव्य कहते हैं। प्रश्न ०१५- पुद्गलद्रव्य किसे कहते हैं? उत्तर - जिसमें स्पर्श, रस, गन्ध, वर्ण आदि गुण पाये जाते हैं उसे पुद्गलद्रव्य कहते हैं। प्रश्न ०१६- पुद्गल के कितने भेद हैं? उत्तर - पुद्गल के दो भेद हैं - परमाणु और स्कन्ध । प्रश्न ०१७- परमाणु किसे कहते हैं? उत्तर जिसका दूसरा विभाग नहीं हो सकता -ऐसे सबसे सूक्ष्म पुद्गल को परमाणु कहते हैं,यही
वास्तव में पुद्गलद्रव्य है। प्रश्न ०१८- स्कन्ध किसे कहते हैं? उत्तर - अनेक परमाणुओं के बन्ध (समूह) को स्कन्ध कहते हैं। (अनेक अर्थात् दो या दो से अधिक)