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________________ अभ्यास के प्रश्न - गाथा १ से १६ तक ९२ प्रश्न १ रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिये । (क) "विन्द स्थानेन तिस्टन्ते " में विन्द स्थान में रहने वाला. जयवंत हो। ( गाथा १) .की सम्यक् पूजा करते हैं । ( गाथा ५) को ही सच्चा देव मानते हैं । (गाथा ६) (ख) सम्यकदृष्टि ज्ञानी ज्ञानमयी.... (ग) ज्ञान मार्ग के पथिक निश्चय से (घ) सम्यक्दृष्टि को वीतरागी देव, गुरु, शास्त्र के प्रति भक्ति का (ङ) भेदज्ञान तत्व निर्णय पूर्वक सम्यक्दृष्टि ज्ञानी अपने ...... प्रश्न २ सत्य / असत्य कथन चुनिये । - (क) ज्ञानीजन अपने चैतन्य लक्षण धर्म का कभी - कभी अनुभव करते हैं । ( गाथा ९) (ख) तीनों लोक में जो सूर्य के समान केवलज्ञानमयी शुद्ध तत्व है, ऐसे शुद्ध ज्ञान जल में पंडित स्नान करते हैं । (गाथा १०) (ग) ज्ञानी विभाव में कभी एकत्व रूप परिगणमन नहीं करते । (गाथा ११) (घ) स्वरूप में लीन होने पर बुद्धि पूर्वक राग का अभाव होना शुद्धोपयोग है । (गाथा १२) (ङ) ज्ञान जल में स्नान करके ज्ञानी तीन मिथ्यात्व तीन शल्य का प्रक्षालन कर देते हैं। ( गाथा १३) प्रश्न ३ - सही जोड़ी बनाइये । (गाथा १२ से १६) १. प्रक्षालन - शुद्ध तत्व का वेदन, आत्मानुभूति । २. स्नान - रत्नत्रय, समता, ध्रुवता ३ आभूषण चैतन्य लक्षण धर्म ४. वस्त्र अज्ञान जनित मिथ्या मान्यता दूर होना। - राग आता है। (गाथा ६ ) .का.............करता है । ( गाथा ८ ) I प्रश्न ४ सही विकल्प चुनिये । - १. शुद्ध भाव में स्थिर होना ही ..... है (अ) ज्ञान विज्ञान (ब) ज्ञान स्नान (स) प्रक्षालितं (द) आभरणं । २. गणधर देव कहाँ निवास करते हैं। (अ) समवशरण में (ब) शरीर में (स) ज्ञान स्वरूप सरोवर में (द) मंदिर में । ३. ज्ञान सरोवर.... से भरा हुआ है। (अ) जल (ब) मल (स) सम्यक्त्व (द) मिथ्यात्व । ४. पंडित वह है जो - (अ) ज्ञानी हो (ब) सम्यक्ज्ञानी हो (स) क्रियाकांडी हो (द) वीतरागी सम्यक्ज्ञानी हो । अति लघुउत्तरीय प्रश्न ३० शब्दों में (कोई पाँच) प्रश्न ५ १. उर्वकारस्य ऊर्धस्य, गाथा में किसको नमस्कार किया गया है ? उत्तर- इस गाथा में श्री तारण स्वामी जी ने ॐकारमयी पंचपरमेष्ठी, ऊर्ध्व स्वभाव में शाश्वत विराजमान सिद्ध भगवान एवं ज्ञानमयी शाश्वत ध्रुव शुद्धात्मा को नमस्कार किया है। २. उवं नमः का क्या अभिप्राय है ? (उत्तर स्वयं लिखें ) । ३. पंडित की क्या परिभाषा है ? (उत्तर स्वयं लिखें) ४. उवं हियं श्रियंकारं "गाथा में देव गुरु धर्म शास्त्र किसे कहा है ? (उत्तर स्वयं लिखें ) । ५. ज्ञान स्नान और प्रक्षालन से क्या उपलब्धि होती है ? (उत्तर स्वयं लिखें ) ६. शुद्ध भाव में स्थिर होकर ज्ञान स्नान का क्या अर्थ है ? (उत्तर स्वयं लिखें ) प्रश्न ६ - लघु उत्तरीय प्रश्न ५० शब्दों में लिखें। १. पुरुषार्थी साधक को कर्म की प्रबलता क्यों नहीं होती ? (उत्तर स्वयं लिखें ) २. अंतरशोधन द्वारा प्रगट हुई दशा को बनाये रखने का क्या उपाय है ? (उत्तर स्वयं लिखें ) ३. टिप्पणी लिखिए - १. ज्ञानी का ज्ञान स्नान २. ज्ञानी का प्रक्षालन ३. ज्ञानी के वस्त्र । प्रश्न ७ - दीर्घ उत्तरीय प्रश्न १. पंडित पूजा ग्रन्थ की गाथा १ से १६ का अपने शब्दों में सारांश लिखिये।
SR No.009716
Book TitleGyanpushpa
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaran Taran Gyan Samsthan Chindwada
PublisherTaran Taran Gyan Samsthan Chindwada
Publication Year
Total Pages211
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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