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________________ प्रश्न उत्तर प्रश्न उत्तर प्रश्न उत्तर प्रश्न उत्तर प्रश्न उत्तर प्रश्न उत्तर प्रश्न उत्तर प्रश्न उत्तर प्रश्न उत्तर प्रश्न उत्तर ज्ञान विज्ञान भाग -१ II II - II - - - - - - - - | I - - II - पाठ - ४ इन्द्रियाँ और जीव इन्द्रिय किसे कहते हैं, इंद्रियाँ कितनी होती हैं ? जिन चिह्नों से संसारी जीव की पहिचान होती है उन्हें इन्द्रिय कहते हैं। इंद्रियाँ पाँच होती हैं - स्पर्शन (त्वचा), रसना (जीभ), घ्राण (नासिका), चक्षु (आँख), कर्ण (कान) । स्पर्शन इंद्रिय किसे कहते हैं, इसके कितने विषय हैं ? जिसके द्वारा छूकर पदार्थ का ज्ञान होता है उसे स्पर्शन इन्द्रिय कहते हैं। स्पर्शन इंद्रिय के आठ विषय हैं - हल्का, भारी, कडा, नरम । रूखा, चिकना, ठंडा, गरम ॥ रसना इन्द्रिय किसे कहते हैं, इसके कितने विषय हैं ? जिसके द्वारा चखकर पदार्थ का ज्ञान होता है उसे रसना इन्द्रिय कहते हैं। इसके पाँच विषय हैं खट्टा मीठा, कड़वा, चरपरा, कषायला । घ्राण इन्द्रिय किसे कहते हैं, इसके कितने विषय हैं ? जिसके द्वारा सूंघकर पदार्थ का ज्ञान होता है उसे घ्राण इन्द्रिय कहते हैं। इसके दो विषय हैं- सुगन्ध और दुर्गन्ध । चक्षु इन्द्रिय किसे कहते हैं, इसके कितने विषय हैं ? जिसके द्वारा देखकर पदार्थ का ज्ञान होता है उसे चक्षु इन्द्रिय कहते हैं। इसके पाँच विषय हैं काला, पीला, नीला, लाल, सफेद । । कर्ण इन्द्रिय किसे कहते हैं, इसके कितने विषय हैं ? जिसके द्वारा सुनकर पदार्थ का ज्ञान होता हैं उसे कर्ण इन्द्रिय कहते हैं । इसके दो विषय हैं सुस्वर और दु:स्वर । - । ऐसी कौन सी इन्द्रिय है जो दो कार्य करती है ? रसना इन्द्रिय दो कार्य करती है - स्वाद लेना और बोलना । एकेन्द्रिय जीव किसे कहते हैं ? जिन जीवों को एक स्पर्शन इन्द्रिय होती है उन्हें एकेन्द्रिय जीव कहते हैं। जैसे अग्नि, वायु, वनस्पति । पृथ्वी, जल, दो इन्द्रिय जीव किसे कहते हैं ? जिन जीवों को स्पर्शन और रसना यह दो इन्द्रियाँ होती हैं उन्हें दो इन्द्रिय जीव कहते हैं । जैसे - लट, केंचुआ, जोंक आदि । तीन इन्द्रिय जीव किसे कहते हैं ? जिन जीवों को स्पर्शन, रसना और घ्राण यह तीन इन्द्रियाँ होती हैं उन्हें तीन इन्द्रिय जीव कहते हैं। जैसे चीटीं, जूं खटमल बिच्छू आदि ।
SR No.009715
Book TitleGyanodaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaran Taran Gyan Samsthan Chindwada
PublisherTaran Taran Gyan Samsthan Chindwada
Publication Year
Total Pages207
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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