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________________ प्रश्न उत्तर प्रश्न उत्तर ज्ञान विज्ञान भाग - १ - प्रश्न उत्तर II - प्रश्न उत्तर प्रश्न पानी छानकर क्यों पीना चाहिये ? उत्तर - - प्रश्न श्रावक को भोजन कब करना चाहिये ? उत्तर - - - पात्र कितने और कौन-कौन से हैं? पात्र तीन होते हैं प्रश्न रात्रि भोजन करने से क्या हानि है ? उत्तर उत्तम, मध्यम, जघन्य | महाव्रती वीतरागी साधु । देशवती प्रतिमाधारी श्रावक । अव्रती सम्यकदृष्टि श्रावक । - १. उत्तम पात्र २. मध्यम पात्र ३. जघन्य पात्र इन पात्रों को चार प्रकार का दान विनय और भक्ति पूर्वक देना चाहिये । रत्नत्रय की साधना करने का क्या अभिप्राय है ? - आत्मा सम्यग्दर्शन सम्यग्ज्ञान सम्यक्चारित्र मयी है। अपने आत्म स्वभाव की साधना करना ही निश्चय से रत्नत्रय की साधना है । व्यवहार से आत्मा का श्रद्धान, स्व- पर का यथार्थ निर्णय करना तथा स्वरूप के लक्ष्य पूर्वक व्रतादि का पालन करते हुए अपने स्वरूप में स्थिर होने का पुरुषार्थ करना रत्नत्रय की साधना कहलाती है। - पानी छानकर पीने से अहिंसा धर्म का पालन होता है, बिना छने पानी में असंख्यात जीव होते हैं । वैज्ञानिकों के अनुसार बिना छने पानी की एक बूंद में ३६४५० सूक्ष्म जीव पाये जाते हैं । इन जीवों की हिंसा से यथाशक्ति बचने के लिए पानी छानकर पीना चाहिये। ६ प्रश्न रात्रि भोजन के बारे में डॉक्टर क्या कहते हैं ? श्रावक को 'अनस्तमितं बे घड़ियं च ' अर्थात् सूर्य डूबने से २ घडी ( ४८ मिनिट) पहले भोजन कर लेना चाहिये । सूर्य अस्त होने के बाद रात्रि में भोजन नहीं करना चाहिये । रात्रि भोजन करने से गृद्धता अधिक होती है एवं राग की तीव्रता से अनेक जीवों की हिंसा होती है। सूर्य के प्रकाश के कारण बहुत से छोटे-छोटे जीव अपने घरों से बाहर नहीं निकलते वे रात्रि के अंधेरे में बाहर निकलते हैं जो भोजन के साथ ही पेट में चले जाते हैं जिससे तरह-तरह के रोग भी पैदा हो जाते हैं, इसलिये रात्रि भोजन नहीं करना चाहिये । उत्तर रात्रि भोजन के बारे में डॉक्टरों का कहना है कि सोने से छह घंटे पहले भोजन कर लेना चाहिये, इस मत से भी रात्रि भोजन का निषेध हो जाता है। रात्रि में भोजन क्यों नहीं करना चाहिये ? १. रात्रि भोजन से स्वास्थ्य बिगड़ता है । २. पाचन शक्ति खराब हो जाती है। ३. हिंसा का दोष लगता है। ४. जीव, धर्म से दूर हो जाता है। ५. प्रमाद और मन की चंचलता बढ़ती है। रात्रि भोजन के संबंध में वैज्ञानिकों का क्या मत है ? वैज्ञानिक दृष्टिकोण से रात्रि में भोजन करना हानिकारक है, वैज्ञानिकों ने सिद्ध किया है कि रात्रि में वृक्ष विषैली हवा छोड़ते हैं जिससे वातावरण तो दूषित होता ही है, भोजन भी विषैला हो जाता है, जिससे अनेक प्रकार के रोग पैदा हो जाते हैं।
SR No.009715
Book TitleGyanodaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaran Taran Gyan Samsthan Chindwada
PublisherTaran Taran Gyan Samsthan Chindwada
Publication Year
Total Pages207
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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