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________________ मॉडल एवं अभ्यास के प्रथम वर्ष (परिचय) प्रश्न देव दीप्ति गाथा से ध्यावहु फूलना तक समय -३ घंटा पूर्णांक - १०० नोट : सभी प्रश्न हल करना अनिवार्य है। शुद्ध स्पष्ट लेखन पर अंक दिए जावेंगे। प्रश्न १- रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए (अंक २४५=१०) (क) तत्वं च नन्द............ ...........मउ। (ख) श्री ममल पाहुड़ ग्रंथ की १४ फूलना.... ...........रूप में लिखी गई है। (ग) स्व स्वभाव पर दृष्टि रखना........................है। (घ) जो अंग सर्वांग में..........................मयी स्वभाव है, इसे देखो। (ङ) स्वभाव में लीन होने पर......................प्रगट होता है। प्रश्न २ -सत्य/असत्य कथन लिखिए - (अंक २ x ५=१०) (क) ध्यावहू रे गुरु गुरह परम गुरु तिरे पार तारे। (ख) जिसके अंतर में नो अर्थात् ईषत् जिनेंद्र पर उत्पन्न हुआ। (ग) देव दीप्ति गाथा में देव की महिमा बताई है, वह अंतरात्मा है। (घ) शुद्धात्म तत्व नंद आनंदमयी चिदानंद स्वभावी है। (ङ) षट्कमल ध्यान करने से सूक्ष्म कर्म गल जायेंगे। प्रश्न ३ - सही विकल्प चुनकर लिखिये - (अंक २४५=१०) (क) ज्ञानी लोकालोक को कैसे जानते हैं ?(१) प्रत्यक्ष (२) अप्रत्यक्ष (३) परोक्ष (४) उक्त में कोई नहीं। (ख) द्रव्य कितने होते हैं - (१) छह (२) नौ (३) सात (४) उक्त में कोई नहीं। (ग) धर्म और कर्म का रहस्य है -(१) द्रव्यास्रव (२) पुण्यासव (३) भावास्रव (४) उक्त में कोई नहीं। (घ) परमात्म पद का बोध जाग्रत होना.......की उपलब्धि है - (१) सम्यक् (२) सम्यग्ज्ञान (३) क्षायिक भाव(४) पारिणामिक भाव (ङ) विभाव भावों में तन्मय होने से उत्पन्न होते हैं - (१) घातिया कर्म (२) शुभ कर्म (३) अशुभ कर्म (४) अकर्म प्रश्न ४ - सही जोड़ी बनाइये - स्तंभ-क स्तंभ-ख (अंक २४५ = १०) सिद्ध सहाई कम्मह कम्म रूपातीत ध्यान ध्यावहूरे ममल पाहुड़ भयपिषनिक कर्म पुद्गल प्रश्न ५- अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (३०शब्दों में कोई पाँच) (अंक ४४५= २०) (क) शब्द विवान क्या है? (ख) देव दीप्ति गाथा में किसे नमस्कार किया है ? (ग) कर्म की उत्पत्ति में कारण कौन हैं? (घ) परमात्म पद कैसे प्राप्त होता है? (ङ) भव संसार पार उतारने में कौन समर्थ है? (अथवा) सूक्ष्म कर्म किसके गलते हैं? प्रश्न ६ - लघु उत्तरीय प्रश्न (५० शब्दों में कोई पाँच) (अंक ६x ५= ३०) (१) कर्म किसे कहते हैं, कर्मों का क्या कार्य है? ये क्षय कैसे होते हैं? (२) कम्मह कम्म सहाई का क्या अर्थ हैं? (३) देव दीप्ति गाथा में किन्हीं दो गाथाओं का अर्थ लिखो। (४) परम पारिणामिक भाव के भाव सूत्र से क्या लाभ हैं? (५) श्रीममल पाहुड़ ग्रंथ लिखने का उद्देश्य क्या है ? (६) अरिहंत पद कब प्रगट होता है? प्रश्न ७- दीघ्र उत्तरीय प्रश्न - (कोई एक) (अंक १x१०= १०) (क) देवदीप्ति फूलना अथवा ध्यावहू फूलना का सारांश लिखिये। गुरु
SR No.009715
Book TitleGyanodaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaran Taran Gyan Samsthan Chindwada
PublisherTaran Taran Gyan Samsthan Chindwada
Publication Year
Total Pages207
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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