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छहढाला - पहली ढाल प्रश्न २ - तीन लोक के जीव क्या चाहते हैं? उत्तर - तीन लोक के जीव सुख चाहते हैं और दुःख से भयभीत रहते हैं। प्रश्न३ - ऊर्ध्वलोक में कौन से जीव रहते हैं? उत्तर - ऊर्ध्वलोक में वैमानिक देव रहते हैं। प्रश्न ४ - मध्यलोक में कौन से जीव रहते हैं? उत्तर - मनुष्य, तिर्यंच, भवनवासी देव, व्यन्तर देव और ज्योतिषी देव मध्यलोक में रहते हैं। प्रश्न ५ - अधोलोक में कौन से जीव रहते हैं? उत्तर - असुरकुमार राक्षस आदि भवनवासीदेव, व्यन्तरदेव, नारकी तथा निगोदिया जीव अधोलोक
में रहते हैं एवं एकेन्द्रिय सूक्ष्म जीव सर्वत्र लोक में व्याप्त हैं। प्रश्न ६ - निगोद किसे कहते हैं? उत्तर - साधारण नामकर्म के उदय से एक शरीर के आश्रय से अनंतानंत जीव समान रूप से जिसमें
एकसाथ रहते हैं, मरते हैं और पैदा होते हैं ऐसी अवस्था वाले जीवों को निगोद कहते हैं। प्रश्न ७ - निगोद के कितने भेद हैं? उत्तर - निगोद के दो भेद हैं- १. नित्य निगोद २. इतर निगोद । प्रश्न८ - नित्य निगोद किसे कहते हैं? उत्तर - जो जीव आज तक निगोद पर्याय से नही निकले हैं उन्हें नित्य निगोद कहते हैं परन्तु वे जीव
भविष्य में त्रस पर्याय प्राप्त कर सकते हैं। प्रश्न ९ - इतर निगोद किसे कहते हैं? उत्तर - जो जीव निगोद से निकलकर अन्य पर्याय को प्राप्त करके पुनः निगोद में उत्पन्न होते हैं
उन्हें इतर निगोद कहते हैं। प्रश्न १०- निगोदिया जीव की कितनी इन्द्रियाँ होती है? उत्तर - निगोदिया जीव एकेन्द्रिय होते हैं। उनके मात्र स्पर्शन इन्द्रिय होती है। प्रश्न ११- निगोदिया जीवों को क्या दुःख है? उत्तर - निगोदिया जीवों का एक श्वास में अठारह बार जन्म-मरण होता है इसलिये उन्हें जन्म
मरण का सबसे बड़ा दुःख है। प्रश्न १२- स्थावर जीव किसे कहते हैं और यह कितने इन्द्रिय होते हैं? उत्तर - स्थावर नामकर्म के उदय से पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु तथा वनस्पति कायिक जीवों को स्थावर
जीव कहते हैं। स्थावर जीवों को एक स्पर्शन इन्द्रिय होती है। प्रश्न १३- सजीव किसे कहते हैं? उत्तर - त्रस नामकर्म के उदय से प्राप्त हुई जीव की अवस्था विशेष अर्थात् दो से पाँच इन्द्रिय तक के
जीवों को त्रस जीव कहते हैं। प्रश्न १४- नरक कितने होते हैं उनके रूढिगत नाम कौन-कौन से हैं? उत्तर - नरक सात होते हैं-१.धम्मा २. वंशा ३. मेघा ४. अंजना ५. अरिष्टा ६. मघवी (मघवा)