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श्री ममल पाहुइ जी जय अवहि अवहि जिनु गुपित रमन जिनु,
जय चरनु पलटि जिन चरन चरं । सहयार कमल सुइ सहज ममल जिनु, सुइ नंत नंत सुइ साहि जिनं ॥ ९ ॥
॥ जिन.॥ सुइ लष्य लष्य चालीस लष्य जिनु,
जय कोडि कोडि सुइ कोडि जयं । परिनामु गुपित सुइ उवन दर्स जिनु, सुइ अवहि रिद्धि जिनु जयो जयं ॥ १० ॥
॥ जिन.॥ जय मइ सुइ अवहि अवहि जिन उवने,
उव उवन उवन उव अलष जिनं । जय अलष अगम सुइ अगम रमन जिनु, जय अगम उवन जिनु न्यान जयं ॥ ११ ॥
॥ जिन.॥ जय उवन उवन सुइ उवन उवन मै,
उव उवन कमल मै उवन जिनं । सुइ उवन कलन सुइ उवन चरन जिनु, जय उवन रमन सुइ दर्स जयं ॥ १२ ॥
॥ जिन. ॥ सुइ लष्य लष्य सुइ कोडि रमन जिनु,
परिनामु सुयं सुइ परम जिनं ।
श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी सुइ उवन उवन सुइ नंत उवन जिनु, . मै उवन कमल केवलि उवनं ॥ १३ ॥
|| जिन.॥ सुइ उवन उवन हिय उवन कमल जिनु,
सुइ समय सहज हिय उवन जिनं । तं अर्क नंत सुइ नंत विंद जिनु, आगं तु समय उव सिद्धि जयं ॥ १४ ॥
|| जिन. ।। दुति कोडि सुयं सुइ लष्य लष्य जिनु,
हिय हुव रमन जिन सुइ मुक्ति जयं । परिनामु नंत हिय कमल उवन जिनु, सुइ समय मुक्ति दिपि दिस्टि जयं ॥ १५ ॥
|| जिन.॥ सुइ उवन उवन सुइ उवन अवहि निहि,
सहयार कमल सुइ उवन जिनं । सुइ साहिय नंत नंत धुव रमनं, सर्वांग रमन धुव सिद्धि जयं ॥ १६ ॥
॥ जिन.॥ सुइ सुयं चतुस्टै चौ उवन रमन जिनु,
परिनामु लष्य लष्य कोडि जिनं । सुइ कोडि कोडि जय जयं रमन जिनु, उव कमल अवहि निहि मुक्ति जयं ॥ १७ ॥
| जिन.॥