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________________ श्री ममल पाहुइ जी उव उवन सहावे रमन सुयं जिनु, सुइ रमन सिद्धि संपत्तु ॥ ७ ॥ ॥होस्वामी.॥ चरन कलन सुइ उवन रमन जिनु, कलि उवन कमल धुव उत्तु । सुइ उवन कमल तर तार रमन जिनु, उव कमल सिद्धि संपत्तु ॥ ८ ॥ ॥होस्वामी.॥ सुइ अर्क अर्क सुइ कमल अर्क जिनु, सुइ अर्क कमल जिन उत्तु । सह समय अर्क सुइ कमल अर्क जिनु, उव कमल सिद्धि संपत्तु ॥ ९ ॥ ॥होस्वामी.॥ उव उवन कमल सुइ धुवं उवन जिनु, धुव उवन समय सुव उत्तु । धुव उवन सुवन सुइ कमल रमन जिनु, उव कमल सिद्धि संपत्तु ॥ १० ॥ ॥होस्वामी.॥ सुइ तारन तरन सु कमल रमन जिनु, सुइ तार कमल जिन उत्तु । सुइ तरन सहावे उवन कमल जिनु, सह समय सिद्धि संपत्तु ॥ ११ ॥ ॥होस्वामी.॥ श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी (१३०) अर्क उवन फूलना गाथा २७१८ से २७४० तक (विषय : ३६ अर्क का उदय) जिन जिनयति जिनय नंत जिन उवना, नंत अनंत कमल सुइ रमना । कमल कलन सुइ उवन सुइ सुवना, कलन कमल धुव जिनय जिन उवना ॥ १ ॥ सुनहु सखी जिन जिनवर रखना, अर्क छत्तीस कमल धुव वयना । न्यान चरन सुइ समय सु सहना, रंज रमन नंद मुक्ति सु गमना ॥ २ ॥ ॥ आचरी॥ चरन चरिय धुव रमन सुइ उवना, तत्काल रमन जिन जिनय सु रमना । कलन चरन सुइ दर्सन कलना, उवन इस्ट सुइ कमल धुव उवना ॥ ३ ॥ ॥सुनहु.॥ उवन कमल जिन जय धुव उवना, उवन कर्न सुइ श्रवन सु रमना । श्रवन समय सिय उवन सु सुवना, सुवन उवन सिय कमल जिन रमना ॥ ४ ॥ ॥ सुनहु.॥ (३८०)
SR No.009713
Book TitleAdhyatma Vani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
PublisherTaran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
Publication Year
Total Pages469
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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