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श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी
श्री ममल पाहुइ जी नंद नंद सियं सुइ नंद रमन.
नंद उवन नंद नंद मुक्ति गमनु ॥ ३२ ॥
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॥ जय. ॥
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आनंद नंद उव नंद जयनु,
आनंद सियं उव मुक्ति
रमनु ॥ ३३
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॥ जय. ॥
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रंज रंज उवनु सिय उवन उवनु, उव उवन रंज सम सिद्धि गमनु ॥ ४० ॥
॥ जय. ॥ उव उवन सियं उव उवन उवनु, उव उवन रमनु सुइ मुक्ति गमनु ॥ ४१ ॥
॥ जय. ॥ षिपि षिपन सियं उव षिपन रमनु, __बिपि रमन उवन सुइ मुक्ति गमनु
॥ जय. ॥ मौ ममल उवनु सिय ममल रत्तु, धुव ममल उवन सुइ सिद्धि रत्तु ॥ ४३ ॥
॥ जय. ॥ उव उवन श्रेनि जिन श्रेनि कलनु, तर तार कमल सुइ सिद्धि गमनु ।
॥ जय. ॥ उव उवन स उत्तउ सिय सुभाउ, सिय अर्क उवन सुइ मुक्ति राउ ॥ ४५ ॥
॥जय, ॥ जिन श्रेनि उवनु कलि कलन रिद्धि, तर तार कमल उव समय सिद्धि ॥ ४६ ॥
॥ जय. ॥
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सम समय सियं सुइ समय रमनु, सुइ समय उवन सुइ सिद्धि गमनु ॥ ३४ ॥
॥ जय. ॥ हिय उवन हियं हिय रंज रमनु, हिय उवन सियं उव सिद्धि गमनु ॥ ३५ ॥
॥ जय. ॥ लष अलष सियं सुइ उवन जयनु, उव उवन अलष लषि मुक्ति गमनु ॥ ३६ ॥
॥ जय. ॥ गम अगम उवन सिय उव उव रमंतु, उव रमन अगम सम सिद्धि जन्तु ॥ ३७ ॥
॥ जय. ॥ सहयार उवन सिय उवन साहि, सहयार उवन सम सिद्धि लाहि ॥ ३८ ॥
॥ जय. ॥ रम रमन उवन उव रमनु उवनु, सुइ रमन उवन सिय मुक्ति गमनु ॥ ३९ ॥
|| जय. ॥
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(३३५)