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________________ = श्री ममल पाहुइ जी लह लहन उवन लह लह अनंतु, लह उवन लहन सुइ सिद्धि रत्तु ॥ १६ ॥ ॥ जय. ॥ धर धरन उवन धर धर समत्थु, धर उवन समय सुइ मुक्ति पंथु ॥ १७ ॥ ॥ जय. ॥ षिप षिपन उवन षिपि षिपि जिनुत्तु, विपि उवन समय सुइ मुक्ति रत्तु ॥ १८ ॥ ॥ जय. ॥ कलि कलन उवन कलि कलन रिद्धि, सुइ कलन कमल जिन उवन सिद्धि ॥ १९ ॥ ॥ जय. ॥ कलि कमल उवन सुइ कलन सुद्ध, जय कमल उवन जै सिद्धि सिद्ध ॥ २० ॥ ॥ जय. ॥ चर चरन उवन चर चरन नंतु, चर चरन उवन सुइ मुक्ति जंतु ॥ २१ ॥ ॥ जय. ॥ कलि कमल उवन उव कर्न समय, सुइ कर्न उवन जिन मुक्ति रमय ॥ २२ ॥ ॥ जय. ॥ सुव सुवन उवन सिय उवन हंसु, उव उवन कमल सुइ मुक्ति वासु ॥ २३ ॥ ॥ जय. ॥ श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी हंस हंस उवन सिय हंस वासु, हंस उवन समय सिय सुह निवासु ॥ २४ ॥ ॥ जय. ॥ अवयास उवन सिय उव अवयासु, अवयास उवन उव सुइ विलासु ॥ २५ ॥ ॥ जय. ॥ दिपि दिप्ति उवन सुइ दिपि अनंतु, दिपि उवन समय सुइ मुक्ति रत्तु ॥ २६ ॥ ॥ जय. ॥ सुइ दिप्ति उवन सिय दिप्ति रत्त. सुइ दिप्ति उवन सिय सिद्धि रत्तु ॥ २७ ॥ ॥ जय. ॥ अभ अभय रंजु भय विलय रमनु, जिनु अभय नंदु सुइ सिद्धि गमनु ॥ २८ ॥ ॥ जय. ॥ सुर सुर्य अर्क सुइ ममल रमनु, सुइ उवन सुयं सिय मुक्ति गमनु ॥ २९ ॥ ॥ जय. ॥ अयं अर्थ उवन सर्वार्थ रमनु, सर्वार्थ सियं उव सिद्धि गमनु ॥ ॥ जय. ॥ विंद विंद अर्क सुइ विंद रमनु, विंद उवन विंद विंद मुक्ति गमनु ॥ ३१ ॥ ॥ जय. ॥ = = = =
SR No.009713
Book TitleAdhyatma Vani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
PublisherTaran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
Publication Year
Total Pages469
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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