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________________ श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी = = = = = श्री ममल पाहुइ जी (१०) मुक्ति पैतालो गाथा गाथा २१६३से २२०८ तक (विषय! अर्क-३६, कमल दल) उव उवन उवन उव उवन अनंतु, उव उवन समय सुइ मुक्ति जन्तु ॥ १ ॥ जय जयन उपज्जै जय निवासु, जय जयो जयो जिन मुक्ति वासु ॥ २ ॥ ॥आचरी॥ पय पयन उवन पय पय अनंतु, पय उवन पयं सुइ सिद्धि रत्तु ॥ ३ ॥ ॥ जय. ॥ जय जयो जयो जय जय अनंतु, जय रमन उवन सुइ सिद्धि रत्तु ॥ ४ ॥ ॥ जय. ॥ मय मय उवनं मय उव अनंतु, मय सुयं मयं जिन मुक्ति रत्तु ॥ ५ ॥ ॥ जय. ॥ सुइ सुयं उवन सुइ सुयं जिनुत्तु, सुइ उवन समय सुइ सिद्धि रत्तु ॥ ६ ॥ ॥ जय. ॥ रै रमन उवन सुइ रमन नंतु, उव रमन सुर्य सुइ मुक्ति जन्तु ॥ ७ ॥ ॥ जय. ॥ = सह सहन उवन सुइ सह निवासु, सुइ उवन सहन सह सिद्धि वासु ॥ ८ ॥ ॥ जय. ॥ गम गमन उवन गम गम अनंतु, उव उवन गमन सुइ मुक्ति रत्तु ॥ ९ ॥ ॥जय, ॥ अग अगम उवन अग अगम नंतु, अग अगम उवन सुइ सिद्धि रत्तु ॥ १० ॥ ॥ जय. ॥ लष अलष उवन लष लष अनंतु, उव उवन लषन लषि सिद्धि रत्तु ॥ ११ ॥ ॥ जय. ॥ लष अलष उवन सुइ अलष जन्तु, __जय उवन अलष जय मुक्ति पंथु ॥ १२ ॥ ॥ जय. ॥ ढल ढलन उवन ढल ढल अनंतु, जय उवन ढलन सुइ सिद्धि रत्तु ॥ १३ ॥ ॥ जय. ॥ गह गहन उवन गह गह जिनुत्तु, जय गहन उवन गह मुक्ति जन्तु ॥ १४ ॥ ॥ जय. ॥ रह रहन उवन रह रह निवासु, रह उवन सुयं जय सिद्धि वासु ॥ १५ ॥ ॥ जय. ॥ = = = (३३३)
SR No.009713
Book TitleAdhyatma Vani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
PublisherTaran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
Publication Year
Total Pages469
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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