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________________ - - - = श्री ममल पाहुइ जी जय हिय रमनं हुव उवन पयं, जय कमल सुवन जिन जिनय जिनं । जय गुपित जिनं वैदिप्ति रम, जय जयो कमल सम कर्न जिनं ॥ ४ ॥ जय जान मयं जय जिनय पयं, जय कमल उवन सम कर्न जयं जय षिपक सुयं सु स्कंध जयं, जय कमल कर्न धुव मुक्ति जयं ॥ ५ ॥ जय कुनय विलं हिय न्यान रमं, जय कमल कर्न सम मुक्ति जय पय उवनं उव उवन समं, जय चेय कमल सम कर्न जयं । जय हिय उवनं अस्थान रम, आयरन कमल सम जय इच्छ पर्य गुरु गुपित रयं, गुरु इच्छ कमल सम कर्न जयं । पय पर्म पयं इस्ट उवन जयं, अर्थ उवन कमल सम कर्न जयं ॥ ८ ॥ जय ममल पयं सुइ झड़प विलं, जय उवन कमल सम श्रवन जयं । जय कलन जिनं जय जय उवनं, जय ईर्ज कमल सम श्रवन जयं ॥ ९ ॥ श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी जय उवन पयं तत्काल जिनं, जय उवन कमल सम कर्न जयं ॥ १० ॥ जय पदम पयं सुइ जिनय जयं, ___पय उवन कमल सम श्रवन जिनं । जय अप्प रयं गुरु गुपित जयं, सुइ गुपित कमल सम कर्न जयं ॥ ११ ॥ सिद्धि रयं, जय ठान कमल सम मुक्ति सुइ सुयं रमन सुइ लब्धि जिनं, सुइ लब्धि कमल सम कर्न जयं ॥ १२ ॥ जय जय जय जय तार तरं, जय तार कमल सम कर्न जयं ॥ १३ ॥ जय उव उवनं उववन्न पयं, जय उवन कमल सम कर्न जयं । जय उवन जयं सुइ उवन पयं, कमल जिननाथ जय उवन रमं कल कर्न जिनं, जय रमन कमल सम जिनय जिनं । जय चरन चरं सुइ धुव रमनं, उव उवन धुवं सुइ कर्न समं ॥ १५ ॥ सिय चरन सियं उव उवन धुवं, धुव उवन उवन सुइ मुक्ति जयं ॥ १६ ॥ - = - - - = - - - = (३२४)
SR No.009713
Book TitleAdhyatma Vani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTaran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
PublisherTaran Taran Jain Tirthkshetra Nisai
Publication Year
Total Pages469
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
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