________________
श्री ममल पाहुइ जी
९- अभय सी अर्क अभय अर्क सुदिप्ति अर्क दिस्टि ममलं, कमलं च कर्न मयं । उववन्नं उव उवन अर्क अर्क ममलं, अवयास सुकै मयं ।। सुकै सुर्क सुअर्क अर्क उवन ममलं, अवयास सुकै सुर्य ।। उववन्नं सुइ सुवन सुयं सुयं च सुवनं, सुकं सु ममलं धुवं ॥ १४ ॥
श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी १३-नंद सी अर्क जं जं अर्क सुनंद नन्द उवन रमनं, आनंदं नन्दं जयं । जयवंत जयवंत जय जयं च जयनं, अकै अनंतं धुवं ॥ दिप्तिं दिप्ति सुदिप्ति दिप्ति रमन दिपियं, दिस्टिं च ममलं पदं । नंतानंत सुदिप्ति दिस्टि उवन सुवनं, आनंदं कमलं जयं ॥ १८ ॥
१०-सुर्क सी अर्क अर्क अर्क सु अर्क अर्क उवन उवनं, अर्थ अनंतं परं । लष्यं लष्य सुलष्य लष्य उवनं, गम्यं अगम्यं सुर्य ।। दर्स दर्स सुदर्स दर्स उवन ममलं, सब्द अनंतं प्रियं । अवयासं तं नंत नंत उवन समयं, कमलं च अर्थं जिनं ॥ १५ ॥
१४ - आनंद सी अर्क जं जं अर्क अनंत नंत ममल रमनं, तं तं समं समयत्वं । सम उक्तं सम उवन उवन समयं, हिययार उवं सास्वतं ॥ जिन जिनयं जिन रमन उवन वयनं, दर्स जिनं दर्सितं । नन्तानंत समं सुयं च समयं, कमलं च कर्न समं ॥ १९ ॥
१५-समय सी अर्क जं उवनं उव उवन उवन रमनं, हिययार नंतं जिनं । हिययारं सुइ रमन रयन अहँ, अहं सहिय उवनं सुयं ॥ सहयारं सुइ रमन रयन ममलं, अकै च हिय उवनं जयं । हिय हुव नंत सुनंत नंत जयनं, हिय रमन कमलं जयं ॥ २० ॥
११- अर्थ सी अर्क अर्थ अर्थ सु अर्थ अर्थ अर्क ममलं, कमलं च कर्न समं । हिययारं हुव सुवन अर्क उवनं, अवयासं ममलं समं ॥ उववन्नं उववन्न उवन उवन रमनं, नंतं अनंतं सुर्य । विन्यानं सुइ नंत नंत विंद समयं, विंदस्य कमलं जिनं ॥ १६ ॥
१२-विंद सी अर्क उवनं कमल सुकर्न चरन सुवन उवनं, अवयास दिप्तिं मयं । अभयं दिप्ति स दिप्ति सुर्क अर्थ समयं, विन्यान विंदं जयं ।। हिययारं सहयार सुयं सु विंद रमनं, नंदं सुर्य नंदनं । अकै अर्क समं स नंद नंद ममलं, नंदं सु उवन नंदनं ॥ १७ ॥
१५-हिय रमन सी अर्क कलनं कमल सु कर्न सुवन उवन रमनं, अवयास नंतं सुयं । दिप्तिं नंत सुदिप्ति दिप्ति अभय रमनं, सुकै सु अर्थं मयं ॥ विन्यानं सुइ विंद विंद सून्य समयं, नंदं आनंद जयं । समयं उवन हियं अलष लषियं, अलष सि कमलं जयं ॥ २१ ॥
(३२०