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श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी
श्री ममल पाहुइ जी उवन दिप्ति सुइ दिपियं,
दिपियं सुइ दिस्टि दिपिय ममलं च । दिप्ति दिस्टि सुइ सब्द,
सब्दं अवयास सुवन सम कनँ ॥ ४ ॥ उवन हियं सम सहियं,
सहियं सुइ उवन उवन हिय रमनं । अर्क अर्क सुइ उवनं,
उवन सहावेन सिद्धि सम्पत्तं ॥ ५ ॥ उवन अनयर रमनं,
अष्यर प्रवेस अनष्यरं उवनं । उवन विंद सुइ अर्क,
अर्क सुइ विंद रमन ममलं च ॥ ६ ॥ उवन सुयं सुइ रमनं,
रमनं सुइ रमन विंजनं ममलं । सुर विंजन उव उवनं,
उवनं सुइ रमन सिद्धि सम्पत्तं ॥ ७ ॥ उवन सुयं सुर रमनं,
सुर सहकारेन विजनं उवनं । विंजन सुर सुइ उवनं,
उवनं सुइ अर्क विंद पद रमनं ॥ ८ ॥ पद रमनं पय रमनं,
सिय धुव सुइ उवन पदं पय रमनं ।
पद रमनं पय गमनं,
पय गमनं अर्थ उवन उवनं च ॥ ९ ॥ उवन उवन दिपि दिस्टि,
उवनं सुइ सब्द प्रियो जिन जिनयं ।। सब्द क सुइ समयं,
समयं सुइ उवन समय उवनं च ॥ १० ॥ उवन उवन अवयासं,
अवयासं सुइ उवन उवन अवयासं । अवयास उवन सुइ कमलं,
कमलं सुइ उवन केवलं ममलं ॥ ११ ॥ उवन पयं सुइ उवनं,
आयरनं उवन सब्द सुइ कर्न । साहु उवन अवयासं,
अहँ सुइ उवन हिययार रमनं च ॥ १२ ॥ हिययार कर्न सम समयं,
_ समयं सुइ उवन दिस्टि दिप्तिं च । दिस्टि दिप्ति अवयासं,
अवयासं सुइ उवन कमल ममलं च ॥ १३ ॥ कमल कलन सुइ उवनं,
कलनं अवयास नंत सुइ नंतं । सिय धुव उवन सहावं,
सिद्धं सुइ उवन कमल ममलं च ॥ १४ ॥
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