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श्री ममल पाहुड
जी
काय क्रांति कल जाति रमन रै,
कल मनरंजु सु विलय काय गुप्ति सुइ न्यान क्रांति है,
सुयं ।
अन्मोय न्यान क्रांति ममल रयं ॥ भवियन अन्मोय तरन क्रांति मुक्ति जयं ॥
ईर्ज सुभाउ ईर्ज पंथ रमन जिनु, क्रांति कमल रै
भय सल्य संक पर्जय रय विलयं,
भाषा
अर्थ
१० ॥ ॥ जिन. ॥
रयं ।
ईर्ज पंथ जिन् सिद्धि जयं ॥ भवियन अन्मोय ईर्ज सुइ मुक्ति पयं ॥ ११ ॥ ॥ जिन. ॥
उवन हिययार रमन जिनु,
भय विलय भाष जिन जिनय जिनं । अन्मोय न्यान विन्यान रमन जिनु,
एषना ऐ एय न्यान सुइ रमनं, षिपिय कम्मु तिविहेन
पर्जय भय सल्य संक विलयं ॥ भवियन भय षिपिय भाष सुइ सिद्धि जयं,
भवियन अन्मोय समिदि सुइ मुक्ति जयं ॥
१२ ॥ ॥ जिन. ॥
जयं ।
३०३
ऐ ऐन सुभाव
आद
श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी
सहावेन न्यान रै रमनं,
निषिपिय कम्मु जनरंजु न्यान विन्यान सु ममल रमन जिनु,
भय सल्य संक विलयंतु भवियन आदान निषेप जिनु मुक्ति
प्रति
सुयं सुइ दर्सिउ,
दिप्ति दिस्टि सुइ रमन जिनं ॥
भवियन ऐषन सुइ समिदि सु मुक्ति जयं ॥ १३ ॥
॥ जिन. ॥
अस्थाप परम जिनु रमनं, परम भाव सुइ सुयं जयं । परम तत्तु तं अर्थ तिअर्थ रमन जिनु,
सुयं ।
सुयं ॥ जयं ॥ १४ ॥
॥ जिन. ॥
भय षिपिय सिद्धि सुइ रमन जयं ॥ भवियन प्रति अस्थाप परम जिनु सिद्धि जयं ॥ १५ ॥ ॥ जिन ॥
मूल गुनं तं नंत नंत जिन रमनं, रमन रंजु जिननाथ साधु सुद्ध धुव रमन परम जिनु,
सुयं ।
परम सुभाव सुइ सिद्धि जयं ॥ भवियन अन्मोय तरन सुइ सिद्धि जयं ॥ १६ ॥ ॥ जिन. ॥