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श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी
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श्री ममल पाहुइ जी धुव कमल कलन सिय उवनं,
जय जय जयवंत कर्न जय समयं । जय कनँ जय सवनं,
जय सुवनं सुवन नंत जय सुवनं ॥ ११ ॥ जय नंत नंत सुव कन,
कर्न सुइ जयं जयो हिय उवनं । जय हिय हुव उवन सिय उवनं,
जय हिय उवन अर्ह हिय रमनं ॥ १२ ॥ हिय रमनं जय रमनं,
जाता उववन्न जयो षट् रमनं । हिय हुव जय सहयारं,
सहयारं जयो जयो हिय उवनं ॥ १३ ॥ जय हिय हुव जय उवनं,
जय सह हिय जय उवन अवयासं । अवयास जयं जय उवनं,
उवनं अवयास साहि जय कमलं ॥ १४ ॥ जय कमलं जय कलनं,
जय उवनं कमल केवलं ममलं । कमल ममल जय जयनं,
कमलं जय जयो कर्न जय समयं ॥ १५ ॥ जिन उत्त कमल जय उवनं,
जाता उववन्न अर्क जय रमनं ।
अर्क अर्क अनंतं,
कमलं सुइ अर्क कर्न जय समयं ॥ १६ ॥ कमल उवन जय अर्क,
___ अकै सुइ समय जय जय कनँ । कर्न जयं जय हियनं,
हिय हुव जय कमल कर्न निर्वानं ॥ १७ ॥ जय कमलं जय कन,
जय हिय अर्क हुव अर्क अवयासं । जय सहयार सिय रमनं,
जय जय जय उवन समय निर्वानं ॥ १८ ॥ समय जय जय समय,
समय सुइ जयो उवन जय रमनं । समय संघ जय रमनं,
जय रमनं उवन समय निर्वानं ॥ १९ ॥ उवन समय चौ संघ,
संघं सुइ जयो उवन जय सुवनं । उवन जयं जय समयं,
समयं सुइ उवन जयो निर्वानं ॥ २० ॥ जय जय जय संघ उवन्नं,
रिसि जति मुनि अनयार उवन जय रमनं । रिसिनो रिसि जय उवनं,
रिसियो सुइ रमन दिप्ति दिस्टं च ॥ २१ ॥
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