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श्री ममल पाहुइ जी अर्क परिनत रूवं, परिनै सहावेन प्रमान दसति । प्रमानं मुक्ति सरूवं, मुक्त कमलस्य कर्न मुक्तं च ॥ १० ॥ अकै कोमल उत्तं, कोमल सहकार ललित सुइ सुवनं । ललित चरन सिय चरनं, चरनं कमलस्य कर्न निर्वानं ॥ ११ ॥ अकै ललित उवन्नं, ललित सहावेन ममल रूवेन । ममल सियं धुव ममलं, ममलं कमलं च केवलं न्यानं ॥ १२ ॥ ममल उवन सुइ सुवनं, ममलं उवन्न अवयास संजुत्तं । अवयास ममल सुइ कलनं, कलनं कमलस्य कर्न निर्वानं ॥ १३ ॥ विवान समय उव उवनं, सुवनं हुव हेय सहयार सुइ सुवनं । सह अवयास सुइ ममलं,साहिय सुइ समय अवयास सिद्धानं ॥ १४ ॥ विवान समय सुइ समयं, समयं उव उवन समय सुइ गमनं । समय अगम सुइ गमनं, समयं सह समय मुक्ति ठिदि रमनं ॥ १५ ॥ विवान अर्क सुइ समयं, समयं सुइ अर्क सिद्धि ठिदि रमनं । समय विवान स चरनं, समय सहावेन महुव सुइ उवनं ॥ १६ ॥ महुव अर्क सुइ साह, कमलं उववन्न कर्न सुइ समयं । समय कलन सुइ उवनं, कलनं कमलं च केवलं न्यानं ॥ १७ ॥ महव अर्क सम साहं, साहं सह समय विवान समयं च । उवन हिययार सहावं, महुव सहावेन प्रहर प्रमानं ॥ १८ ॥ प्रहरं अर्क सु सहियं, अर्क विवान कमल अवयासं । कमलं कलन उवन्नं, साहिय सुइ कर्न कलन कमलं च ॥ १९ ॥
श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी विवान अर्क सुइ प्रहरं, प्रहरं सुइ समय उवन निर्वानं । प्रहरं सहाव सु उवनं, दुति प्रहरं च अर्क ममलं च ॥ २० ॥ दुति प्रहरं च विवानं, विवानं समय कमल कन च । दुति सहाव सुइ अर्क, दिप्ति उव उवन दिगन्त नंतानं ॥ २१ ॥ दिप्ति उवन दिपि दिपियं, दिप्ति दिस्टं च दिस्टि दिप्तिं च । दिस्टि दिप्ति सुइ समयं, कलनं कमलं च उवन सुइ उवनं ॥ २२ ॥ कमलं कलन सु चरनं, अर्क समय उवन साहियं कर्न । कमलं कर्न संजोयं, संजोय समय सिद्धि सम्पत्तं ॥ २३ ॥ दिप्ति अर्क सुइ समय, समयं षट् रमन अर्ह सुभावं । दिप्तिं अर्थ सहावं, ति समहि उवन उवन प्रमानं ॥ २४ ॥ तस्य समय विवानं, उववन्न पयोग अर्क सुइ सुवनं । ति अर्थ षट् कमलं, उववन्न पयोग वर्ष सुइ सुवनं ॥ २५ ॥ सौ उव उवन तिअर्थ, कमलं दह दर्स दिप्ति सुइ सयनं । सै तीनि साठि सुव सुवनं, वर्षं सुइ नंत काल सिद्धि रमनं ॥ २६ ॥ विवान समय सुभावं, कलनं सुइ कलिय कमल ममलं च ।। तारन तरन सहावं, कमलं सुइ कर्न सिद्धि सम्पत्तं ॥ २७ ॥ विवान समय सुइ उवनं, उत्तं सुइ उवन केवलं न्यानं । तित्थयर रमन सुइ रमनं, उत्तं तित्थयर समय सिद्धानं ॥ २८ ॥ तारन तरन सु ममलं, ममल सुइ कलन कमल सुइ कन । समय विवान सु समय, समयं सह समय सिद्धि सम्पत्तं ॥ २९ ॥
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