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श्री ममल पाहुइ जी जैसे सुयं रमन जिनु अमिय रमै । तैसे तारन अन्मोये स विंदे कमल समै ॥ २५ ॥
॥स्वामी.॥ जं तारन तरन स न्यानी अमिय गमै । तं तरन स विंद कमल जिनु सिद्धि रमै ॥ २६ ॥
॥स्वामी.॥
(४०) अचष्य सब्द माथा
गाथा ७८६ से८०९ तक
(विषय : आकर्न के विषय -७, सर-७) अचयं उवन सहावं, सब्दं सहकार ममल उप्पत्ती । ममलं ममल स उत्तं, कमल सहावेन केवलं उत्तं ॥ १ ॥ अचष्यं उवन सहावं, उवनं संजोय न्यान विन्यानं । हिययार रमन सर्वन्यं, कमलं संजोय ममल न्यानं च ॥ २ ॥ अचष्यं सुयं सु उवनं, उवनं उव उवन हिययार संजुत्तं । सिद्धं सिद्ध सरूवं, न्यानं विन्यान ममल जिन जिनयं ॥ ३ ॥ अचष्यं अचष्य उर्वनं, असब्द सहकार सुर्य जिन जिनयं । कमल ममल जिन उत्तं, सिद्धं सहकार उवन धुव ममलं ॥ ४ ॥ अचष्यं असब्द सहावं, दिस्टं अदिस्टि उवन सुइ उवनं । कमल गिरा सिय सहियं, धुव उवनं उवन कमल वयनं च ॥ ५ ॥ अचष्यं इस्टि सुइ उवनं, इस्ट इस्टंति उवन सुइ रमनं । इस्टं उवन संजोयं, उवन सहावेन सिद्ध धुव वयनं ॥ ६ ॥
श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी अचष्यं दर्सन दर्स, इस्टं दसैंति न्यान सभावं । इस्ट दर्स सुइ उवनं, उवनं संजोय सिद्धि धुव वयनं ॥ ७ ॥ अचष्यं रमन सु रमनं, हिय उववन्न रंज जिन उवनं । उववन्न रमन जिन रमनं, सिय धुव संजोय अमिय सुइ वयनं ॥ ८ ॥ अचष्य उवन सहावं, सिय सहकार धुव वयन ममलं च । ममलं उवन उवएस, सिय सहकार सिद्ध धुव रमनं ॥ ९ ॥ सब्द सुयं सुइ उवनं, रमनं रमिऊन ममल न्यानं च । रसिऊ सब्द जिनुत्तं, सिय सहकार कमल धुव रमनं ॥ १० ॥ सब्दं कसनि सहावं, कमल सहावेन सिद्धि धुव रमनं । कमल कलिय जिन वयनं, धुव सब्दं च कसनि ममलं च ॥ ११ ॥ सब्दं तंति तिअर्थ, तत्त्वं सहकार उवन उवनं च । उवनं उवन स उत्तं, सुइ उवन कार्ज च कलिय जिन वयनं ॥ १२ तत्काल सब्द सुइ उवनं, तत्कालं रमन न्यान विन्यानं । रंज रमन जिन उत्तं, नंद आनंद सिद्धि सम्पत्तं ॥ १३ ॥ सब्दं अविक्त रूवं, स्फटिक सुर्य सुइ उवन ममलं च । उवनं उवन सु रमनं, सिय धुव सहकार मुक्ति गमनं च ॥ १४ ॥ सब्द सुर्य सुइ रमनं, सब्दं विन्यान न्यान जिन उत्तं । जिनयति जिनय सरूवं, सिय धुव परिनाम केवलं उत्तं ॥ १५
असब्द सब्द स उत्तं, असब्द विलयंति सब्द जिन उत्तं । __सब्द सुयं उववन्नं, सब्दं संजोय ममल न्यानं च ॥ १६ ॥
सरं सहाव अचष्यं, सब्द संजोय कमल जिन उत्तं । सब्द विंद सर उवनं, अर्क सब्दं च चष्य अचष्यं ॥ १७ ॥
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