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श्री ममल पाहुइ जी जिन इस्ट सुयं सुइ दर्स मऊ,
जिन इस्ट दर्स सुइ लष्य रऊ। जिन इस्ट अलष पौ अलष मऊ,
जिन नंतानंत सुर्य सुरऊ ॥ २ ॥ जिन इस्ट गम्य सुइ न्यान मऊ,
जिन इस्ट अगम सुइ अगम रऊ। जिन इस्ट अषय सुइ रमन मऊ,
जिन सुर्य रमन सुइ उवन पऊ ॥ ३ ॥ जिन इस्ट विन्यान सु उवन समऊ,
जिन विंद विन्यान सु रमन पऊ। पय विंद इस्ट सुइ सुन्न मऊ,
उववन्न नंतु जिनु समय मऊ ॥ ४ ॥ जिन इस्ट कमल सुइ कमल मऊ,
जिन कमल इस्ट जिन उत्त पऊ । उत्तउ परिनमऊ,
जिन इस्ट प्रमान सु उवन मऊ ॥ ५ ॥ जिन भय विनासु सु अभय मऊ,
जिन सल्य संक विलयंतु पऊ । जिन इस्ट दर्स दसतियऊ,
अनिस्ट भाउ सु विलय पऊ ॥ ६ ॥ जिन उवनु इस्ट उत्पन्न मऊ,
उववन्न हिययार सु रमन पऊ । जिन सहै सहयार सुदर्स मऊ,
जिन समय स उत्तु जिन दिस्टि मऊ ॥ ७ ॥
श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी जिन दिप्ति दिप्ति सुइ रमन मऊ,
जिन दिप्ति इस्टि सुइ दिप्ति पऊ । जिन सब्द प्रियो उव रमन पऊ,
जिन उवन सहाउ सु मुक्ति पऊ ॥ ८ ॥ जिन दिप्ति दिस्टि रै रमन मऊ,
जिन इस्ट सब्द सुइ मुक्ति पऊ । जिन लष्यन कमल सु दर्स मऊ,
उत्पन्न दर्स जिन दर्स मऊ ॥ ९ ॥ जिन अर्थ दर्स सुइ सुयं मऊ,
जिन अर्थतिअर्थ सु उवन पऊ । जिन समय सहाउ सु रमन मऊ,
सहयार उवन अवयास पऊ ॥ १० ॥ जिन दर्स इस्ट उत्पन्न मऊ,
जिन नंतानंत सु दिस्टि पऊ। उत्पन्न मऊ,
जिन षिपक दर्स सुइ न्यान पऊ ॥ ११ ॥ जिन भय षिपनिक सुइ अमिय मऊ,
जिन विंद रमन सुइ ममल पऊ । जिन कमल सु केवल दर्स मऊ,
जिन कम्म विलय सुइ मुक्ति पऊ ॥ १२ ॥ जिन तारन तरन सु दिप्ति रऊ,
जिन दिप्ति दर्स सुइ दर्स मऊ । जिन इस्ट दर्स उत्पन्न मऊ,
अन्मोय तरन जिनु सिद्धि पऊ ॥ १३ ॥
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