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श्री चौबीस ठाणा जी
न्यान अन्मोद प्रियो, गम्य अगम्य इच्छ इस्ट प्रियो । गम्य अगम्य इच्छ इस्ट उत्पन्न प्रियो । मूढ सुभाव विलयंति प्रियो । अमूढ दिस्टि इस्टि प्रियो, अमूढ दिस्टि इस्टि उत्पन्न न्यान अन्मोद प्रियो । न्यानी दोसं अनंत विलियं प्रियो । इस्ट न्यानी दोसं उत्पन्न विली इस्ट प्रियो । न्यानी विमल सुभाव इस्ट प्रियो । न्यानी विमल सुभाव अन्मोद उत्पन्न प्रियो । न्यान विन्यान अस्तिति इस्ट प्रियो । न्यान विन्यान अस्तिति उत्पन्न न्यान अन्मोद प्रियो । न्यान विन्यान इच्छ इस्ट प्रियो । न्यान विन्यान इच्छ उत्पन्न प्रियो । परम तत्तु इस्ट सुभाव प्रियो । परम तत्तु उत्पन्न इस्ट सूण्यम सुभाव अमोद न्यान प्रियो । दिस्टि कमल सब्द अचष्य हितकार गुपित गुहिज न्यान विन्यान पद विंद इस्ट अन्मोद प्रियो । दिस्टि कमल सब्द अचय • हितकार गुपित गुहिज न्यान विन्यान पद विंद इस्ट उत्पन्न अनंत न्यान अन्मोद परमिस्टी चतुस्टै, रयनत्रय रमन अनंत अन्मोद रमन विषय गलन अन्मोद न्यान प्रियो । जान इस्ट उत्पन्न लब्धि प्रियो । रमन प्रियो । रमन सुभाव प्रियो । रमन कमल प्रियो । रमन दिस्टि प्रियो । रमन इस्टि प्रियो ।
रमन इस्टि इस्टि प्रियो । रमन रिस्टि इस्ट प्रियो । रमन दिस्टि इस्टि रिस्ट उत्पन्न न्यान प्रियो । रमन समय रमन सह इस्टि प्रियो । रमन समय रमन सह इस्ट उत्पन्न न्यान प्रियो । रमन उत्पन्न सहकार औकास दिस्टि इस्टि प्रियो । रमन उत्पन्न सहकार औकास उत्पन्न न्यान प्रियो । रमन अनंत अन्मोद षिपक दिस्टि इस्टि प्रियो । रमन अनंत अन्मोद पिषक दिस्टि उत्पन्न रमन न्यान अन्मोय प्रियो । रमन मुक्ति रमन जिननाथ रंज जिन नंद परमनंद नंत सौष्य इस्ट प्रियो । रमन मुक्ति रमन जिननाथ रंज जिन नंद परमनंद उत्पन्न उत्पन्न हितकार सहकार गुपित गुहिज इस्ट वज्रवृषभ वज्रनाराच संघरन सुभाव चतुस्टय चेत उत्पन्न तत्काल उत्पन्न रमन चतुस्टय
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श्री तारण तरण अध्यात्मवाणी जी
सुयं रमन कमल दिस्टि सौष्य अनंत सुयं कम्म विलय सुयं बुद्ध न्यान रमन सुयं चेत ऊर्ध तिअर्थ मिलन परिनाम न्यान अन्मोद उत्पन्न प्रियो ।
उत्पन्न हितकार रमन, उत्पन्न सहकार रमन, जिननाथ प्रियो । प्रियो प्रमान प्रियो । जान विवान प्रियो । इच्छ प्रमान प्रियो । पय परम पय प्रियो । मुक्ति सौष्य विंद विन्यान प्रियो । अनंत चतुस्टय सुभाव अस्थान प्रयो । प्रीति प्रियो । उत्पन्न अन्मोद अबलबली प्रियो । विनंद विली उत्पन्न नंद आनंद प्रियो । अस्थान आयरन जिन परम जिन जिननाथ मुक्ति सुभाव सिद्धं धुवं । तस्य अस्थान न्यान आवरन न्यान प्रियो अप्रियो भवति । केन विसेष राग, दोष, गारव, दर्सन मोहंध, न्यान आवर्न, मिथ्या सल्य, संक, भय, इस्ट उत्पन्न विसेष कषाय मल, अनंत विभ्रम प्रपंच, सक सुभाव अस्थान विप्रियो भवतु । आवर्न सुभाव जदि आवर्न अस्थान उत्पन्न हितकार सहकार विन्यान पद विंद दिगंत अनंत अस्थान न्यान उत्पन्न विषय सक प्रपंच विभ्रम सहकार अस्थान आवर्न अप्रियो भवतु । तस्य सुभाव थावर प्रिथी काय संमूर्छन उत्पन्न भवति । पयोग उत्पन्न न भवति । तस्य सुभाव भ्रमन बारह सहस्र चौबीस (१२०२४) बार अंतर्मुहूर्त मध्ये जामन मरन सुभाव भ्रमनं करोति ॥
जदि कदि कालांतर भ्रमन किं विसेष अस्थान आयरन सुभाव उत्पन्न । आयरन न्यान अन्मोद प्रियो । अस्थान रमन रंज अन्मोद आनंद रमन अस्थान प्रियो । उत्पन्न उत्पन्न हितकार । उत्पन्न उत्पन्न सहकार । उत्पन्न उत्पन्न न्यान विन्यान । उत्पन्न उत्पन्न पद परम पद दिगंत दिस्टि इस्टि । सब्द असब्द गुपित गुहिज न्यान अस्थान प्रियो । आवर्न विली, जनरंजन, कलरंजन, मनरंजन, दर्सन मोहांध विली । आसा, अस्नेह,