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estadt केलं अवरुं काम हशे ते मात्र कल्पनामां ज आवी शके, पण अहीँआ पथ्थरो पोचा तथा काणांवाळा छे तेश्री खोदाणकाम सदेलाइथी थइ शके तेम छे. सामान्य रोते मुख्य खडकथी दूर ढाळ पडती जमीनथी गुहाओ खोदवामां आवो छे, ज्यां बनी शके त्यां बहार जोवाने बाकां करेला छे. म्हारे कहेवानी जरुर नथी के आ बाकां रेल्वेने माटे खडको कोरतां जोवामां आवे छे तेवा छे. त्यां पाणी जवानी रीत संतोषकारक रीते राखवामां आवी छे. आ उपरथी प्रीन्सेप उपर एवी सज्जड असर थइ के तेणे जर्नल ऑफ घी एशियाटिक सोसायटी, पु. १६ पा. १०७९ मा नीचे प्रमाणे लख्धुं छेः
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. ओरडामाथी पाणी जवाने माटे एक अदभुत युक्ति वापरी छे, नहि तो पथ्थरना छिद्राकुपणाने ही चोमासामा पाणी टपकत. तेथी छतमां नानां छिद्रो कर्या छे अने ते सर्व नीचेना खुणामां भेगां थाय छे. ज्यां आगळ बहार पाणी जत्रा माटे एक म्होढुं बाएं राख्युं छे. "
ओरडानी छत घणीवार जराक वांकी देखाय छे. जैनगुफानी छतनो उठाव तथा पहोळाईनुं माप म्हें लीधुं छे अने तेथी मालुम पड्युं के तेना उठाव अने पहोळाईनं जे प्रमाण छे ते हाल पण हरकोई इजनेर कबूल करे तेवुं छे. "
प्रसिद्ध गुफाओ अने तेमनो इतिहास.
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खंडगिरि उपर जे न्हानी म्होटी सेंकडो गुहाओ के तेमां हाथीगुफा, अनन्तगुफा, राणीगुफा, बैकुंठगुफा, माणेकपुर गुफा, जयाविजयागुफा, गणेशगुफा, स्वर्गपुरीगुफा, शतवत्र अने नवमुनिगुफा आदि गुफाओ विशेष प्रसिद्ध छे, आमां केटलीक गुफाओ बौद्धधर्मनी
" Aho Shrut Gyanam"