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________________ । १८ 1 बीकानेर में लिखी हुई प्रतियोंकी संख्या प्रचुर है, वे हजारोंकी संख्यामें होनेके कारण उनकी सूची देना अशक्य है। रचनाकाल ग्रंथ नाम रचयिता सं० १५७१ लघुजातक टीका भक्तिलाभ (ख) सं० १५७२ उत्तमकुमार चरित्र चारुचन्द्र (ख०) स्वयं लिखित प्रति सं० १५८२ आचारांग दीपिका जिनहंससूरि (ख०) सं० १५८३ मार्गशिर आरामशोभा चौपाई विनयसमुद्र उपकेश ग. सं० १६०२ वै० सु०५ सोम मृगावती चौपाई। विनयसमुद्र , सं० १६०२ फाल्गुन सीता चौपाई ( पद्मचरित्र) विनयसमुद्र " सं० १६०२ लगभग संग्रामसूरि चौपाई विमयसमुद्र , सं० १६०० लगभग निश्चय व्यवहार स्तवन पासचन्दसूरि नागपुरी तपा सं० १६०४ सुख-दुःख विपाक सन्धि धर्ममेरु (ख) सं० १६११ दीवाली सप्तस्मरण बालावबोध साधुकीर्ति' (ख०) सं० १६१८ माघ वदि. मुनिपति चौपाई हीरकलश (ख०) सं० १६२२ चैत्र सुदि १५ ललितांग कथा हर्षकवि (ख०) सं. १६३६ का० सु०५ अमरकुमार चौपाई हेमरत्न पूर्णिमागच्छ सं० १६४० प्रश्नोत्तर शत्तक वृत्ति, आदिस्त० पुण्यसागर (ख०) सं० १६४३ मार्गसिर जीभदांत सम्वाद हीरकलश हीयाली सं० १६४३ फा० ब०८ गजभंजन चौपाई मुनिप्रभ सं० १६४३ वच्छराज देवराज चोपाई कल्याणदेव सं० १६४४ नेमिदूत वृत्ति गुणविनय सं० १६४६ रघुवंश वृत्ति गुणविनय सं० १६४६ बारह भावना संधि जयसोम सं० १६५१ आरामशोभा चौपाई समयप्रमोद शब्दप्रभेद वृत्ति ज्ञानविमल सं० १६५४ शीलोंच्छ नाम को० टीका श्रीवल्लभ सं० १६५५ उपकेश शब्द व्युत्पत्ति श्रीवल्लभ सं० १६६९ चैत्र शुकराज चौपाई सुमतिकल्लोल सं० १६६२ चैत्र सुदि १० धर्ममंजरी चौपाई समयराज १-बच्छावत मन्त्री संग्रामसिंहके आग्रहसे २-हीरकलशके अनुरोधसे ३-मन्त्री कर्मचन्द्रके आग्रहसे सं० १६५४ "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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