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________________ [ १६ रचनाकाल ग्रन्थ नाम रचयिता सं० १६६६ माघ सुदि ४ साधुसमाचारी बालावबोध धर्मकीर्ति (ख०) सं० १६७७ वैशाख सुदि ५ रामकृष्ण चौपाई लावण्यकीर्ति' , सं० १६७५ सागरसेठ चौपाई सहजकीर्ति सं० १६७७ लगभग चन्दनमलयागिरि चौपाई भद्रसेन सं० १६८३ मार्गसिर श्रावक कुलक समयसुन्दर अष्टकत्रय समयसुन्दर आदिनाथ स्तवन सं० १६८६ पृथ्वीराजकृत कृष्णरुक्मिणीवेलि जयकीर्ति बालावबोध सं० १६६२ माघ सुदि ५ नेमिनाथ रास कनककीति सं० १६६६ कार्तिक सुदि ११ ।। रघुवंश टीका सुमतिविजय मेघदूत टीका पञ्चक्खाण विचार गर्भित क्षेम पार्श्व स्तवन सं० १७०३ (७१) माध सुदि१३ सोम थापच्चासुकोशल चौपाई सं० १७०५ अमृषिमण्डल वृत्ति हर्षनन्दन सं० १७०७ दशवकालिक गीत जयतसी सं. १७११ उत्तराध्ययन वृत्ति हर्षनन्दन सं० १७२१ कयवन्ना चौपाई जयतसी सं० १७२६ विजयदशमी अजापुत्र चौपाई भावप्रमोद सं० १७३६ आषाढ़ बदि ५ लीलावती चौपाई लाभवर्द्धन सं० १७३८ वै० सु० १० रात्रिभोजन चौपाई लक्ष्मीवल्लभ , सं० १७३६ माघ सु०२ सुमति नागिला चौपाई धर्ममन्दिर • सं० १७४२ चित्रसंभूति सझाय जीवराज सं० १७४८ सुबाहु चौढालिया बच्छराज (लों) पाण्डित्य-दर्पण उदयचन्द्र (ख०) सं० १७५३ श्रा० सु०१३ छप्पय बावनी धर्मवर्द्धन शीलरास धर्मवर्द्धन राजहर्ष १- भणशाली करमघर आग्रहसे रचित २-कोठारी जैतसीके आग्रइसे रचित "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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