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________________ २८२ बीकानेर जैन लेख संग्रह (२०२६ } संवत् १८६६ शाके १७६४ प्रवर्त्तमाने ज्येष्ठमासे शुभे शुक्लपक्षे सप्तम्यां तिथौ बुधवासरे ॥ साध्वी कुद्धीजीकस्य पादुकास्ति साध्वी कस्तूरांकस्य पादुकास्ति ।। पादुकेयं प्रतिष्ठा विक्रमपुरे । (२०२७ ) संवत १८६६ शाके १७६४ प्रवर्त्तमाने ज्येष्ठ मासे शुभे शुक्रपक्षे सप्तम्यां ७ तिथौ बुधवारे पादुकेयं प्रतिष्ठिता साध्वी बख्तावराकस्य पादुकास्ति विक्रमपुरे. ( २०२८ ) सं० १६५६ शाके १७८१ प्र । वैशाख शुक्ल २ द्वितीयायां तिथौ बुधे पिसृज्यगुरूणां श्रीजिनचंद्र जिकानां पादुका प्रतिष्ठापिता श्रीकृष्णचंद्रेण ऋ । कृष्णचंद्रस्य पादुफेयं । __ ( २०२६ ) गौतम स्वामी की प्रतिमा पर सं० १६४२ मिगसर बदि ३ उपदेशक मुनि जगत्चंद्रजी श्रीगणधर गौतम स्वामीजी की प्रतिमा (२०३० ___श्री भ्रातृचंद्रसूरि मत्ति पर सं० १६६२ मि। मिगसर बदि ३ आचार्य श्रीभ्रातृचंद्रसूरिजीकी प्रतिमा मुनि श्रीजगत्चंद्रजी महाराज के उपदेश से सेठ उदयचंदजी मोहनलाल रामपुरियाने स्थापन की। संवत् १६६२ मिगसर बदि ३ आचार्य भट्टारक हेमचंद्रसूरीश्वरजी की चरणपादुका उपदेशक मुनि जगतचंद्रजी स्थापक सेठ उदयचंदजी मोहनलाल रामपुरिया। श्री पार्श्वनाथ जी का मान्दर (नाहटों की बगीची) ( २०३२) धातु की पंचतीर्थी पर सं० १५०१ ज्ये० शु० १० प्रा० व्य. वीरम भा० विमलादे पु० इंसाकेन भा० हासलदे पु० रमा पितृ श्रेयसे श्री अभिनंदन बिंब का० प्र० श्रीसूरिभिः "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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