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________________ बीकानेर जैन लेख संग्रह (१३१७) श्री शांतिनाथादि पंचतीर्थी सं० १४८५ वर्षे मागसिर वदि २ श्री उप० वीरोलिया गोत्रे सा० हरपति पू० जयता भा. अजयणी पु० हापाकेन पितृ मातृ श्रेयसे श्री शांतिनाथ विबं का० प्र० श्री पल्लीवाल गच्छे श्री यशोदेव सूरिभिः ( १३१८ ) श्री संभवनाथादि पंचतीर्थी । सं० १५०६ फा० सु० उ० ज्ञा० से विवाडेचा गो० सा० वीरम भा० कर्ण पु० देल्हाकेन भा० माणिकि पु० तोल्हा ऊधरण मेघा स० श्री संभवनाथ बिबं का० प्र० श्री संडेर गच्छे श्री शांति सूरिभिः (१३१६) सपरिकर श्री शांतिनाथजी सं० १३६६ (१) फागुण सुदि ६ सोमे श्रे० नयणा भा० नयणादेवि युतेन (?) श्री शांतिनाथ बिबं श्री जिनसिंह सूरिणामुपदेशेन कारिता (१३२०) श्री सुविधिनाथादि पंचतीर्थी सं० १५०४ वर्षे येष्ठ वदि ३ सोमे उप झा० वोकड़िया गोत्रो सा० पाल्हा भा० पाल्हणदे पु० भांडा भा० जासल दे पु० पुत्र जातेन आत्मा श्रे० से श्री सुविधिनाथ बिंबं का० प्र० वृहद्गच्छे भ० श्री धर्मचन्द्र सूरि पट्टे भ० श्री मलयचन्द्र सूरिभिः ।। श्री ॥ (१३२१) श्री वासुपूज्यादि पंचतार्थी ॥६०॥ सं० १५०७ वर्षे ज्येष्ट सु० २ दिने ऊकेश वंशे संखवाल गोत्रे सा० कोचर मूल हीरा पुत्र सा० मिहरा श्राद्धेन पु० सा० लाला देका राउलयुतेन श्री वासुपूज्य बिंबं कारि० प्रति. खरतर गच्छाधीश श्री जिनभद्र सूरि युगप्रधानवरैः ( १३२२) सपरिकर श्री सुमतिनाथजी सं० १४०८ वैशाख सुदि ५ गुरौ ऊकेश ज्ञा० श्रे० नींबा भा० भागल पुत्रेण साह वीसलेन श्री सुमतिनाथ बिंबं मातृ पितृ श्रे० का० श्री प्रभाकर सूरिणामुदेशेन प्रतिष्ठितं च ॥ "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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