SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 346
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ बीकानेर जैन लेख संग्रह میم (१३११) १६६१ शीतल........"बीतल दे। (१३१२) श्री अम्विकाभूति पर सं० १३८१ वैशाख ब०५ श्री जिनचन्द्रसूरि शिष्यैः श्री जिनकुशल सूरिभि रंबिका प्रतिष्ठिता। शिलापट्ट पर (१३१३ ) (1) माहिदेवः महावीरः आदि (1) गुरेटाट अधिकारः पूतली वणी (2) आदि आप पीरः देहरउ अनूः (8) अपारः अहम कामम इकसाल (3) परूपधम कुकी यतः बीकान (9) पूज मजह लायक हुइतिलव ॥ (1) यर नवराणः वयद वस (10) माइः गुण नयरन्नावगयः इद्रक (6) जेयं यजाणिः व स्तपाल (७) कसमाय कपूर जी जीवउः (11) उ विमाण जाणि आणकम...ठव्यर भाण्डागारस्थ धातु प्रतिमाओं के लेख __ श्री सुमतिनाथादि पंचतीर्थी __सं० १४८५ वर्षे माघ वदि १४ बुधे नवलखा गोत्रे स० लोला सुतेन स. रामाकेन निज भ्रातृ भीखा श्रेयो निमित्तं श्री सुमतिनाथ बिंब कारितं प्र० श्री हेमहंस सूरिभिः श्री आदिनाथादि पंचतीर्थी ॥सं० १५२५ वर्षे वैशाख सुदि ३ सोमे उपकेश ज्ञा० गोष्ठिक गोशे सा० देदा भा० देऊ पु० धीणा भा० धारलदे पु० केल्हा देवराज शिवराज सीहाकेन समस्त सकुटुंब पुण्यार्थ श्रेयसे श्री आदिनाथ बिबं कारितं प्रतिष्ठितं श्री पूणिमा पक्षीय भ० श्री जयप्रभ सूरि पट्टे भ० श्री जयभद्र सूरिभिः (१३१६ ) श्री सुमतिनाथादि पंचतीर्थी १४६३ वै० सु०३ प्रा० ताणा वासी व्य० जाणा सुत भीमाकेन भ्रातृ खीमा अजा श्रेयसे सुमति बिंबं का० प्र० श्री सोमसुन्दर सूरिभिः ।। "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy