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________________ बीकानेर जैन लेख संग्रह ( ७ ) शीतलनाथादि पंचतीर्थी सं० १४८८ वर्षे ज्येष्ट सुदि १० शुक्र मं० गांगा भा० घरथति (?) तांदेकावाड़ा वास्तव्य श्री वायड़ ज्ञातीय मं० देवा भा० बा० धारू तया आत्मश्रेयसे श्रीशीतलनाथादि पंचतीर्थी श्रीमदागमगच्छेश श्री हेमरत्नसूरि गुरूपदेशेन कारिता प्रतिष्ठिताच विधिना । ( ८ ) श्री नमिनाथजी ( क ) सं० १ (१६) ५२ वर्षे वै० सु० १४ दिने सीरोही वास्तव्य ऊकेश सा० धास भा० सीतु पु० सेनाकेन भा० जाणी सुत टाइल टालादि कुंटुबेन स्व श्रेयोर्थ का० श्री नमिबिंबं प्रतिष्ठितं त० गच्छे श्री लक्ष्मीसागरसूरिभिः ( ख ) श्री नमिनाथ बिंबं व्य० काजा कारिता ( ६ ) श्री नमि थजी की बड़ी प्रतिमा पर नमिनाथ त्रिं व्य० खेता कारिता ( १० ) धातु के सिद्धचक यंत्र पर ३ संवत् १८३६ आश्विन शुक्ल १५ दिने कौटिकगण चंद्रकुलाधिराज श्रीजिनचंद्रसूरिभिः प्रतिष्ठितं सिद्धचक्रयंत्रमिदं कारापितम् कोठारी प्रतापसिंहेन स्वश्रेयसे वा० लावण्यकमल गणिनामुपदेशात् ( ११ ) श्री शत्रुंजय आबू, गिरनार, नक्षपद, समशरण, चौवीसी, बीस विहरनानादि यंत्रपट्ट १. पर ॥ स्वस्ति श्री संवत् १५८० वर्षे चैत्र सुदि १३ गुरौ स्तंभतीर्थ वास्तव्य ऊकेश ज्ञातीय सा० देवा भा० देवलदे पु० सा० राजा भा० रमाई पु० सा० हेमा खीमा लाखा भा० गोई पु० जयतपालकेन ॥ भ्रातृ पु०सा० जगमाल जिणपाल महीपाल उदयड़ .. विद्याधर रत्नसी जगसी पदमसी पुत्री लाली भमरघाइ प्रमुख कुटुंब युतेन स्वश्रेयसे श्री तपगच्छनायक श्री हेमविमलसूरीणामुपदेशेन ॥ # यह लेख पट्ट के चारों ओर लगी हुई ३ चीपों पर खुदा हुआ है एक चीप उतर जाने से लेख त्रुटक रह गया । "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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