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[ ६६ ] श्रय में यह भंडार है। कई वर्ष पूर्व हमने इसे अवलोकन किया था, सूची नहीं बनी है, प्रतियां लगभग ३०० होंगी।
७- पन्नी बाई के उपाश्रय का भंडार - उपर्युक्त उपाश्रयके पीछे की ओर पनी बाई उपाश्रय में करीब ३०० प्रतियां है। इनकी सूची बनी हुई है। मैंने प्रतियों का अवलोकन कर सूची का आवश्यक संशोधन कर दिया है ।
८ - महोपाध्याय रामलालजी का यति के मकान में उनका निजी संग्रह है। लोकन कर आवश्यक नोट्स लिये थे, प्रतियाँ करीब ५०० है ।
संग्रह -- रांगड़ी के पास ही वैद्यरत्न महो० रामलालजी सूची बनी हुई नहीं है। इसका मैने एक बार अब
६ खरतराचार्य शाखा का भंडार -नाहटों की गुवाड़ में बड़े उपाश्रय के पीछे खरतर गच्छ की लघु आचार्य शाखा का भंडार है । इस भंडार की बहुतसी प्रतियों का अवलोकन हमने किया है। इसकी प्रन्थ- नाममात्र की सूची बनी हुई है लगभग २००० ग्रन्थ होंगे।
१० - हेमचन्द्रसूरि पुस्तकालय - बांठियों की गुवाड़ में पायचन्द गच्छके उपाश्रय में उस गच्छके श्रीपूज्यों का यह संग्रह है, हस्तलिखित ग्रन्थोंकी संख्या १२०० है । इसकी सूची बनी हुई है।
११ - कुशलचन्द्र गणि पुस्तकालय - रामपुरियों की गुवाड़ में अवस्थित इस पुस्तकालय में लगभग ४५० हस्तलिखित प्रतियां और मुद्रित ग्रन्थोंका अच्छा संग्रह है ।
१२ - यति मोहनलालजी का संग्रह - सुराणों की गुवाड़ में लौंका गच्छीय उपाश्रय में यह संग्रह है । पर हम अभी तक इस संग्रह को नहीं देख सके ।
१३ - यति लच्छीरामजी का संग्रह - उपर्युक्त लंका गच्छीय उपाश्रय के पास ही है। जिसमें यति लच्छीराम जी के पास कुछ हस्तलिखित प्रतियां है। सूची बनी हुई नहीं है । हमने इसका एकबार अवलोकन किया था ।
१४ - कोचरों का उपाश्रय -- कोचरोंकी गबाड़में अवस्थित इस उपाश्रय में करीब ३० बंडल हस्तलिखित ग्रन्थ हैं जिनमें अधिकांश त्रुटित है। इनकी साधारण सूची अभी बनी है । हमने भी कुछ प्रतियों का अवलोकन किया है ।
१५ - यति जयकरणजी का संग्रह- आप बड़े उपाश्रय में रहते हैं इनके पास करीब २००-२५० प्रतियां और कुछ गुटके हैं।
खेद है कि श्री जिनकृपाचन्द्रसूरि ज्ञानभंडार जिसमें करीब २००० महत्वपूर्ण हस्तलिखित प्रतियं एवं ८०० मुद्रित ग्रन्थ थे। उनके यति शिष्य तिलोकचन्द्र जी ने बेच डाला। अभी हाल ही में फिरसे ज्ञानभंडार स्थापित किया है जिसमें मुद्रित प्रन्थों का संग्रह है इसीप्रकार यति चुन्नीलालजी का संग्रह भी हाल ही में विक्री हो गया है। कई वर्षो पहले यहाँके कँवला गच्छका बड़ा भंडार एवं अन्य भंडारों में से भी बहुत से ग्रन्थ कौड़ीके मोलमें बिक गये हैं उपर्युक्त सभी
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