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________________ [ ६३ ] दिगम्बर संग्रहालयों के सूचीपत्र १८-जैन सिद्धान्त भवन, आरा का कैटलांग प्र० जैन सिद्धान्त-भवन, आरा सन् १९१३ १६-प्रशस्ति संग्रह प्र० जैन सिद्धान्त भवन आरा० २०--एलक पन्नालाल जैन दि० सरस्वती भवन बम्बई की प्रकाशित रिपोर्टो में। २१-दिगम्बर जैन ग्रन्थकर्ता और उनके ग्रंथ० सं० नाथूराम प्रेमी प्र० जैन हितैषी व ट्रैक्ट रुपमें। २२-देहली, मूडबिद्री, इन्दौर, आंबेर, जयपुर, श्रवणवेलगोला, बम्बई, सोनीपथ नागौर आदि के दिगम्बर भंडारों की सूचियें अनेकान्त वर्ष ४-५ में प्रकाशित हैं । ___२३–कारंजा आदिके दिगम्बर भण्डारों की सूची रा० ब० हीरालाल संपादित मध्य प्रान्त और बरारके सूचीपत्र में सन् १९२६ में प्रकाशित की गई है। २४--दिगंबर जैन भाषा ग्रंथ नामावली, इसमें हिन्दी के ११० कवियोंकी ३०५ कृतियों की सूची है। प्र० ज्ञानचंद्र जैन, दिगम्बर जैन पुस्तकालय लाहौर सन् १६०१ २५-दिगम्बर जैन ग्रंथ सूची, वीर सेवा मंदिर सरसावा द्वारा तैयार हो रही है । रिपोर्टो एवं गवर्नमैण्ट संग्रहालयों की सूचियों --जिनमें जैन ग्रन्थों का विशेष परिचय प्रकाशित है, इस प्रकार हैं : १-भंडारकर आंरिण्टियल रिसर्च इन्स्टीट्यूट, पूना के जैन ग्रंथों का विवरण ३ भागोंमें प्रकाशित हैं। एवं काव्यादि के कैटलांगों में भी उन उन विषयों के जैन प्रथों का विवरण है। ३ भागों के सपादक हीरालाल रसिकदास कापड़िया हैं। संभवतः और भी कई भाग छपेंगे। २–कलकत्ता संस्कृत कॉलेज के संग्रह में जैन ग्रंथ हैं उनकी सूची भी ३ भागों में स्वतंत्र रूपसे प्रकाशित है अवशेष भागों भी उन-उन विषयों के जैन ग्रंथों की सूची होगी। ३-रायल एसियाटिक सोसायटी, कलकत्ता के संग्रह के जैन ग्रन्थों की एक छोटी सूची प्रकाशित है। अन्य विषय के जैन ग्रन्थोंकी सूची भी तद्विषयक सूचीपत्रों में है। ४-रॉयल एसियाटिक सोसायटी, बम्बई के कैटलॉग में जैनग्रन्थोंका विवरण प्रकाशित है। ५-ऑरिन्टियल मैन्युस्क्रिप्ट लायब्रेरी, उज्जैनके संग्रह के दो भाग प्रकाशित हैं, जिनमें जैन ग्रन्थ भी बहुत से हैं। ६-इण्डिया आफिस, ७ बलिनके कैटलाग, ८ राजेन्द्र मित्रके कैटलाग, ६ तांजोर १० मद्रास, ११ काश्मीर १२ बनारस आदिके राजकीय संग्रहालयों के सूचीपत्रों में भी जैन-प्रन्थोंका विवरण है। उसी प्रकार पीटर्सन की ६ रिपोर्ट भंडारकर की ६, किल्हान की ३, बुलहर के (, काथवटे की २ रिपोर्टों में अनेक जैन भंडारों की प्रतियों का विवरण प्रकाशित हुआ है। "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009684
Book TitleBikaner Jain Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAgarchand Nahta, Bhanvarlal Nahta
PublisherNahta Brothers Calcutta
Publication Year
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size22 MB
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