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[१९४] (१५) गरचन्दमुनिः उपदेशात् आग्रह नागे बाबेरो ३ (१३) णि बाबेरी जायगारे पास ले गजधर श्रादम विरामाणी ॥
परसाल पर।
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(१) ॥ श्रोजिनोजयतीतरां ॥ (२) ॥ श्रोशवाल समस्त की पंचायती की परशाल ३ (३) णी तलाव के बंध ऊपरे थी सु बंध को हरजो देख (४) ने परसाल खोसाय कर बंध के पास चोकी करा (५) ई च्यारे पासे पेडालिया घनाया इणी चौकी के सा (६) मने बंध ऊपरे गुरां धर्मचन्द आचार्यगन (७) का जिणांकी परसाल ऊपर सुं खुली डे जिणे के () सामने चोकी कराई सं० । १५३६ के साल में ॥
"Aho Shrut Gyanam"