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________________ अमा नरसिंह लोलादि कुटुम्बयुतया श्री संजव बिंब कारित प्रतिष्ठितं तपागडे श्री इन्धनन्दि सूरिभिः पत्तने ॥ श्री॥ कुंभ और नहर पर की शिलालेख । [1355] ॥ श्री नेमिनाथाय नमः ॥ श्री बीकानेर तथा पूरव बंगाला तथा कामरू देस श्रासाम का श्री संघ के पास प्रेरणा करके रुपया ला करके कुंड तथा आगोर की नहर बनाया सुश्रावक पुण्य प्रजावक देवगुरुजतिकारक गुरुदेव को नक्त चोरडिया गोत्रे सीपानी चुन्निलाल रावतमलाणि सिरदारमल का पोता सिंधिया की गवाड़ में वसता मायसिंध मेघराज कोगरी चोपड़ा मकसुदाबाद अजिमगंजवाले का गुमास्ता और कुंड के ऊपर दारईकेलाव (?) बकतावर चंद सेठिया बनाया संवत् १९५४ शाके ११ए प्रवर्त्तमाने मासोत्तममासे जावामासे शुक्ल पहे पंचम्या तिथौ नौमवासरे। मोरखानो-बीकानेर। [1358 ] * १. ॥ ॥ श्री सुसाणं कुलदेव्यै नमः॥ मूलाधारनिरोधबुद्धफणिनीकंदादिमंदानिले। (5) नाक्रम्य ग्रहराज मंझ * यह खान “ देशनोक " से दक्षिण-पूर्व कोण १२ मील पर है। यहां के देवी मंदिर में काले पाषाण पर यह लेख खुदा हुआ है और टेसिटोरी साहब ने अपने ई० सं० १९१६ की रोपोर्ट में छापी है। See J& P of the A. s. of thengal Vol xIll. pp. 214-215. "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009679
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages356
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size7 MB
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