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[ 1314] संवत् १५५१ वर्षे ज्येष्ठ सुदि ४ मएमपउर्गे प्राग्वाट सं० अजन नाप टबकू सुत सं० वस्ता जाग रामा पुत्र सं० चाहाकेन ना जीविणि पुत्र संजाग आमादिकुटुम्बयुतेन स्वश्रेयसे श्री चन्द्रप्रन २४ पट्ट का प्र० तपा पक्षे श्री रत्नशेखर सूरि पट्टे श्री लक्ष्मीसागर सूरिनिः॥
श्री आदिनाथजी का मन्दिर-दफ्तरियों का महल्ला ।
[ 1315] संवत् १५१३ माघ शुक्ल ७ बुधे श्री नसवाल झातौ लोढा गोत्रे सा चूचर ना सरू पु० हंमू ना सहमाई पु० जरदूकेन पितृ श्रेयसे श्री विश्वनाथ विंबं कारितं श्री रुउपल्लीय गच्छे श्री देवसुन्दर सूरि पट्टे प्रतिष्ठितं श्री सोमसुन्दर सूरिचिः॥
__ [ 1316 ] संवत् १५२७ वर्षे आषाढ सुदी २ गुरौ उपकेश झातीय तावअजा नार्या श्राहलदे पुत्र नीवा ना मानू सहितेन आत्मश्रेयोर्थं श्री मुनिसुव्रत बिंबं कारितं । प्रतिष्ठित अञ्चलगछे श्री जयकेसर सूरि निः॥
[1817 ] संवत् १५३४ वर्षे आषाढ सुदि श दिने उपकेशवंशे बोथरागोत्रे शाण जेसा पु० थाहा सुश्रावकेण ना सुहागदे पुत्र देव्हा भानी वाकि युतेन माता लखी पुण्यार्थ श्री श्रेयांस विंब कारित प्रतिष्ठितं श्री खरतर गछे श्री जिनचन्द्र सूरि पट्टे श्री जिनचन्द्र सूरिभिः ।।
[13181 मंवत् १५३० वर्षे मिगसिर वदि ५ उपकेश ज्ञातीय नाहर गोत्रे शा० चाहरु नार्या हरखू पुत्र वीजाकेन ना० वींकलदे पुत्र कैशवयुतेन स्वश्रेयसे श्री विमलनाथ विवं कारितं प्रति श्री धर्मघोषगडे श्री धर्मसुन्दर सूरि पट्टे श्री लक्ष्मीसागर सूरिनिः॥
"Aho Shrut Gyanam"