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[1033] सं० १४५३ व वैध सु० ५ श्री संमेर गछे पीपलउडे वा गोत्रे श्रे० जा० सा कान्हा ज्ञा० वोमणि पुण् रतनाकेन पित्रो निमित्तं श्री शांतिनाथ बिंव का श्री जशोना सूरि संताने श्री शालि .....।
[1984] सं० १५०३ व ज्येण सु० ११ शु० श्री उप० ग० ककुदाचार्य सं० विपड गो सा जीजण पुत्र रामा ना जीवददी पु० निलाकेन पत्नोपुत्रस्वश्रेण श्री श्रेयांस विंग का ......।
. [1935] सं० १५०७ मा० ब० १३ उकेश सं० मारंग सुत संना जाहेमा दाणा डुंगर नापा सं० रावा ना० पोबू सुत साहस जहाए ना खदम्या श्री संजव विंबं का० प्र० श्री उदयनंदि सूरिनिः।
[1036] संवत् १५१३ वर्षे वैशाख सुदि १ सोमे उपकेश झा कस्याट गोत्रे । सा० धाना जा ससमादे पुत्र सा चडसीडाकेन पितर बालू निमित्त श्री सुमतिनाथ बियं का० प्र० उपकेश कुल श्रावक ......।
[1937] सं० १५१७ वर्षे चेत्र वदि १ शुक्रे श्रीश्रीमाख झा ...... सुण बयास पुत्र पोत्र सहितन श्री अजितनाथ मु जिवितस्वामि प्र० श्री पूर्णिमा पर श्री राजतिलक सूरिणामुपदेशेन ।
[1938] सं० १५२५ वर्षे मार्ग: सु० ए श्रागर वाति प्राग्याट सा० वाया जा० गाक पुत्र सा० माताकेन जा० श्रादहू पुत्र पर्वत ना० नाई प्रमुख कुटुंग्युतेन स्वश्रेयसे श्री शानिनाथ बिक का प्र० सपा श्री सोमसुंदर सूरि शिष्य श्री लक्ष्मीसागर सूरिभिः ।
"Aho Shrut Gyanam"