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(१७२ ) रोका बीमा स्व नार्या पितृमातृश्रेयोर्थ श्री कुंयुनाय किंवं का प्र० श्री आगम गळे श्री आनन्दप्रन सूरिजिः आवरणि वास्तव्य ।
[ 1870] सं० १५३६ वर्षे याषाढ़ सुदि ६ श्री श्रोलाल झाती सा पाला नार्या कम सुत गोविन्द ना गंगादे नाना आत्मयते श्री कुंथुनाथ विवं कारित प्रा वृहत्तपा पक्ष जय जिनरत्न सूरिचिः
[1771] सं० १५५५ वर्षे वैशाख सुदि ३ शनों धनौघ वास्तव्य श्री सबाल झा सा गोगन नाण गुरदे सुन हांसाकन ना कस्तुगई सहितेन स्वयले श्री अजितनाथ विंवं का० श्री बृहत्तपा गवे च श्री धर्मरत्न सूगिनिः ।
1772] सं० २५५५ वर्षे वे सु० ३ शनौ श्री श्रीमान शाप मनोरद ना मोकी सु वाइराज ना जीविनी सुण् देवदालेन ना दगा सुरु पासा करन धर्मदास सूरदास युनेन श्री विमलनाथ वि कारित श्री अंगठे श्री सिद्धांतासागर सूरि गुरूपदेशात् ।
[17] संग १५५७ वर्षे पोष बदि ६ स्यौ घनौध वासी श्री श्रीमान ज्ञाय साए माईया जाए जीवी सुत कानाकेन स्वश्रेयसे श्री न मिनाथ चिंबं का प्रण श्री बृहत्तपा पक्ष श्री लक्ष्मी. सागर सूरिजिः । श्रेयो नक्तु पूनकस्य ।
1774 ] सं० १५५३ वर्षे वैए सु० ११ शुके श्री श्री वशे मं0 माया सुत मंग मूखा जा रमा सुश्राविकया सुत मं० मा मेधा रामा सहितया निजश्रेयार्थं श्री सुमतिनाय किंवं का प्रए धर्मवद्धन सूरिभिः श्री जांबू ग्रामे ।
"Aho Shrut Gyanam"