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________________ ( ए६ ) [ 1437] सं० १५२३ व० वै० सु० ६ प्राग्वाट श्रे० वस्ता जा० फडू सुतश्रे० सारंगेण जा० मरगादे पुत्र श्रे० वीकादि कुटुम्बयुतन स्वश्रेयसे श्री कुंथुनाथ बिम्बं का० प्र० तपागच्छे श्री रत्नशेखर सूरि पट्टे श्रीलक्ष्मीसागर सूरिजि : || जइतपुर | [1438] सं० १५२० वर्षे फागुण - श्रीमालज्ञातीय टामी गोत्रे स० जाविनो पुत्र श्रीजागू श्रावक श्री आदिनाथ बिंबं का० प्र० श्री खरतरगच्छे श्री जिनसागर सूरितत्प० श्री सुंदर सूरि पट्टे श्री हर्ष सूरिजिः । [1439] सं० १७ वर्षे माघसुदि ६ शुक्रे बैशाष वदि ५ उसवंशे लाषाणी गांधी गोत्रे साव तेजपाल पुत्र सा० कुयरपाल जार्या सालिगदे पुत्र रायमल्ल श्रावण स्वश्रेयसे श्रीपार्श्वनाथ बिंवं कारित प्रतिष्ठितं श्री अंचलगने श्रावके श्री गुणनिधानसूरि उपदेशात् । धातुकी मूर्ति पर [ 1440 ] सं० १६०० फाग० सू० १० देमकीर्त्ति I धातुके यंत्र पर | [1441] सं० २०५५ पोष सुदी ४ दिने । वृहस्पति वासरे श्री सिद्धचक्र यंत्रमिदं प्रतिष्ठितं सवाई जैनगर मध्ये वा० लालचंद्र गणिना कारितं वीकानेर वास्तव्य कोठारी अनोप चंद तत्पुत्र जेठमलेन श्रेयोर्थं शुद्धं जवतु ॥ "Aho Shrut Gyanam"
SR No.009679
Book TitleJain Lekh Sangraha Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPuranchand Nahar
PublisherPuranchand Nahar
Publication Year
Total Pages356
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size7 MB
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