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अध्याय -२
नारकसम्मछिनो नपुंसकानि ॥५०॥
[नारकसम्मूछिनो] नारकी और सम्मूर्च्छन जन्म वाले [ नपुंसकानि] नपुंसक होते हैं।
The infernal beings and the spontaneously generated are of the neuter sex
न देवाः ॥५१॥
[ देवाः ] देव [न] नपुंसक नहीं होते, अर्थात् देवों के पुरुषलिंग और देवियों के स्त्रीलिंग होता है।
The celestial beings are not (of neuter sex).
शेषास्त्रिवेदाः ॥५२॥
[शेषाः] शेष के गर्भज मनुष्य और तिर्यंच [त्रिवेदाः] तीनों वेद वाले होते हैं।
The rest are of three sexes (signs).
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