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अध्याय - २
पृथिव्यप्तेजोवायुवनस्पतयः स्थावराः ॥१३॥
[पृथिवी अप् तेजः वायुः वनस्पतयः] पृथ्वीकायिक, जलकायिक, अग्निकायिक, वायुकायिक और वनस्पतिकायिक - यह पाँच प्रकार के [ स्थावराः] स्थावर जीव हैं। (इन जीवों के मात्र एक स्पर्शन इन्द्रिय होती है।)
Earth, water, fire, air and plants are immobile beings.
द्वीन्द्रियादयस्त्रसाः ॥१४॥
[ द्विइन्द्रिय आदयः ] दो इन्द्रिय से लेकर अर्थात् दो इन्द्रिय, तीन इन्द्रिय, चार इन्द्रिय और पाँच इन्द्रिय जीव [त्रसाः ] त्रस कहलाते हैं। The mobile beings are from the two-sensed beings onwards.
पश्चेन्द्रियाणि ॥१५॥
[इन्द्रियाणि ] इन्द्रियाँ [ पञ्च] पाँच हैं।
The senses are five.
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