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अध्याय - ७
मिथ्योपदेशरहोभ्याख्यानकूटलेखक्रियान्यासापहार
साकारमन्त्रभेदाः ॥२६॥ [मिथ्योपदेशरहोभ्याख्यानकूटलेखक्रियान्यासापहारसाकारमन्त्रभेदाः ] मिथ्या उपदेश, रहोभ्याख्यान, कूटलेखाक्रिया, न्यासापहार और साकारमन्त्रभेद - ये पाँच सत्याणुव्रत के अतिचार हैं।
Perverted teaching, divulging what is done in secret, forgery, misappropriation, and proclaiming others' thoughts.
स्तेनप्रयोगतदाहृतादानविरुद्धराज्यातिक्रमहीनाधिक
मानोन्मानप्रतिरूपकव्यवहाराः ॥२७॥ चोरी के लिये चोर को प्रेरणा करना या उसका उपाय बताना, चोर से चुराई हुई वस्तु खरीदना, राज्य की आज्ञा के विरुद्ध चलना, देने-लेने के बाँट तराजू आदि कम-ज्यादा रखना और कीमती वस्तु में कम कीमत की वस्तु मिलाकर असली भाव से बेचना - ये अचौर्याणुव्रत के अतिचार हैं।
Prompting others to steal, receiving stolen goods, under-buying in a disordered state, using false weights and measures, and deceiving others with artificial or imitation goods.
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