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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra यही है जिंदगी www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ७० ३५. क्या है पसंद? क्षमा या सजा ? अपराध के साथ दो बातें जुड़ी हुई हैं : एक सजा और दूसरी क्षमा । अपराधी को या तो सजा मिलती है या क्षमा मिलती है । अपराधी स्वयं सजा नहीं चाहता, वह क्षमा चाहता है। लोक-व्यवहार में सजा को महत्त्व मिला है, संतों की दुनिया में क्षमा को प्रधानता प्राप्त हुई है । सजा का महत्त्व सिद्ध करनेवाले तर्क देते हैं : सजा करने से अपराधी पुनः अपराध करने से रुकता है । क्षमा की प्रधानता सिद्ध करनेवाले तर्क देते हैं: क्षमा करने से अपराधी फिर से अपराध नहीं करेगा । तर्क तो दोनों समान प्रतीत होते हैं । परन्तु दोनों तर्कों में कितनी सच्चाई है - इसका निर्णय तो हमें करना होगा । मैंने एक बात 'मार्क' की है कि जब हम स्वयं अपराधी होते हैं, तब क्षमा की प्रधानता को स्वीकार करते हैं और जब दूसरा अपराधी होता है तब सजा को महत्त्व देते हैं! जब मनुष्य दूसरों के अपराध सहन नहीं कर पाता है तब वह सजा करने के लिए तत्पर हो जाता है । असहनशीलता में से सजा करने की वृत्ति और प्रवृत्ति पैदा होती है। उस वृत्ति और प्रवृत्ति की यथार्थता सिद्ध करने के लिये हम कितने भी तर्क दें, उससे यथार्थता - वास्तविकता सिद्ध नहीं हो सकती। एक जीवात्मा दूसरे जीवात्मा को कैसे सजा करेगा ? द्वेष और दुर्भावना के बिना सजा कैसे हो सकती है ? द्वेष और दुर्भावना को कैसे उचित माना जाय ? इसमें भी, जो अपराधी अपने अपराधों का पश्चात्ताप करता हुआ आँसू बहाता है, जो अपराधी पुनः अपराध नहीं करने की प्रतिज्ञा करता है, उसको सजा कैसे की जाय ? मैं तो सजा नहीं कर सकता ! For Private And Personal Use Only एक मित्र ने कहा : यदि तू इस अपराधी को क्षमा करेगा तो वह फिर से अपराध करेगा। यह अपराधी क्षमापात्र नहीं है... विश्वासपात्र नहीं है... वह तेरे साथ धोखा करेगा...। मैंने कहा : वह विश्वासपात्र क्यों नहीं ? क्योंकि उसने एक बार अपराध किया है, इसलिए न ? यदि मैंने एक बार अपराध किया है तो मैं भी विश्वासपात्र नहीं रहा न ? मैं इस बात को नहीं मान सकता ।
SR No.009641
Book TitleYahi Hai Jindgi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadraguptasuri
PublisherMahavir Jain Aradhana Kendra Koba
Publication Year2009
Total Pages299
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size3 MB
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